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बैंकिंग सेक्टर को लेकर भय का माहौल बनाया जा रहा हैः बीएसई

बैंकिंग सेक्टर को लेकर भय का माहौल बनाया जा रहा हैः बीएसई

भारत के बैंकिंग स्रेक्टर के...Editor

भारत के बैंकिंग स्रेक्टर के वित्तीय संकट में घिरने से संबंधित चर्चा कुछ और नहीं बल्कि भय पैदा करने की कोशिश है। नीरव मोदी के मामले में जितने रकम की धोखाधड़ी हुई है, वह देश के मजबूत बैंकिंग सेक्टर के सिर्फ तीन दिनों के ब्याज के बराबर है। यह बात बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सीईओ आशीष चौहान ने यहां कही।

भारत के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हाल में देश की अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यह धोखाधड़ी 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की है। कथित तौर पर अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके सहयोगियों ने कुछ बैंक अधिकारियों की मिलीभगत में इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।

चौहान यहां रविवार को मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेकभनोलॉजी (एमआईटी) के सालाना एमआईटी इंडिया कान्फ्रेंस के छात्रों को संबोधित कर रहे थे। बीएसई प्रमुख ने कहा कि भारत का बैंकिंग सेक्टर काफी मजबूत और विनियमित है। बल्कि हकीकत यह है कि पीएनबी मामले में जितने रकम की धोखाधड़ी हुई है वह देश के बैंकिंग सेक्टर के महज तीन दिनों के ब्याज के बराबर है।

1992 में ही बैंकिंग सुधार हो जाने चाहिए थे
बीएसई के सीईओ आशीष चौहान ने कहा कि यदि 1992 में हर्षद मेहता घोटाला के बाद ही आरबीआई सहित समग्र बैंकिंग सेक्टर में समुचित सुधार कर दिए जाते तो यह घोटाला नहीं होता। पायनियरिंग इनोवेशन विषय पर दिनभर चले सम्मेलन में चौहान ने कहा कि हमें 1992 में ही बैंकिंग सेक्टर में सुधार कर दिए जाने चाहिए थे। यदि तब हमने यह किया होता, तो यह (नीरव मोदी घोटाला) नहीं होता। लेकिन अब हम जाग चुके हैं। हम अच्छा काम कर रहे हैं। उनमें से एक है नोटबंदी, दूसरा है जीएसटी और तीसरा है दिवालियापन संहिता।

एक करोड़ करोड़ रुपये का है भारतीय बैंकिंग
आशीष चौहान ने कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली का आकार एक करोड़ करोड़ रुपये का है। बीएसई प्रमुख ने कहा कि भारत में बैंक उधार लेने वालों से 12 फीसदी सालाना ब्याज लेता है। दूसरी ओर बैंक जिनसे ऋण लेते हैं उन्हें सिर्फ चार फीसदी ब्याज दिया जाता है। इस तरह से बैंक आठ फीसदी लाभ कमाते हैं। तो एक करोड़ करोड़ रुपये पर आप 12 फीसदी की दर से साल में कितना ब्याज पाते हैं? 12 लाख करोड़ रुपये। एक महीने में आप कितना पाएंगे? एक लाख करोड़ रुपये। तीन दिन में आपको कितना मिलेगा। 10,000 करोड़ रुपये। पंजाब नेशनल बैंक के इस मामले में कितने रकम की धोखाधड़ी हुई है? यह भारतीय बैंकिंग प्रणाली के तीन दिनों के ब्याज के बराबर है। इतना ही इस मामले को निपटाने के लिए काफी है।
बैंक मानते हैं कि हर 12 में से एक होगा डिफाउल्टर
चौहान ने कहा कि ऐसा होता रहता है। यह कारोबार का मामला है। वे जब आठ फीसदी की मार्जिन ले रहे होते हैं, तो यह मानते हैं कि हर 12 में से एक व्यक्ति कर्ज चुकाने में असफल (डिफाउल्टर) होने वाला है। इस पर भी उन्हें अधिक दिक्कत नहीं है। वे मूलधन वापस कर देंगे। उस साल उन 12 में से एक को कर्ज चुकाने में असफल होना था। यह व्यक्ति (नीरव मोदी) पिछले 10 साल से अधिक समय से कर्ज चुकाने में विफल रहा। इसलिए यह मामला बैंकिंग प्रणाली का 10वां हिस्सा है। बैंकिंग इसी तरह से होता है। वे सोचते हैं कि यह आम आदमी का धन है। वे तो पहले से ही आपसे बिना ब्याज दिए पैसा ले चुके होते हैं। प्रभावी तौर पर इस घोटाले में कुछ नहीं है। यह भय पैदा करने की कोशिश है। भारत का बैंकिंग सेक्टर मजबूत है। एजेंसीएमएसएमई से मात्र 25,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी।

मोदी ने सीपीएसई के लिए पांच चुनौतियों की पहचान की और उन्हें उनपर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा। उन्होंने सीपीएसई से कम लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर बैठकें करने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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