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सेंट्रल बैंक के घाटे में हुआ तीन गुना इजाफा, इलाहाबाद बैंक को बाजार से पैसा जुटाने की मंजूरी

सेंट्रल बैंक के घाटे में हुआ तीन गुना इजाफा, इलाहाबाद बैंक को बाजार से पैसा जुटाने की मंजूरी

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सार्वजनिक क्षेत्र के कर्जदाता सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का घाटा पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में तीन गुना से ज्यादा बढ़कर 2,114 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। उससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक का शुद्ध घाटा 592 करोड़ रुपये था। समीक्षाधीन अवधि में बैंक की कुल आय भी घटकर 6,301.50 करोड़ रुपये रह गई, जो उससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7,121.05 करोड़ रुपये थी।


एक बयान में बैंक ने कहा कि इस वर्ष मार्च में खत्म वित्त वर्ष के लिए बैंक का शुद्ध घाटा 5,105 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 2,439 करोड़ रुपये था। वहीं, समीक्षाधीन वित्त वर्ष में बैंक की कुल आय घटकर 26,659 करोड़ रुपये रह गई।

बैंक का कहना था कि बढ़े फंसे कर्ज (एनपीए) के मद में ज्यादा रकम के प्रावधान तथा नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) खातों में अतिरिक्त प्रावधानों के चलते उसकी कमाई को झटका लगा है। हालांकि बैंक के लिए संतोष की बात यह है कि समीक्षाधीन वित्त वर्ष में उसका कुल कारोबार थोड़ा सुधरकर 4.72 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4.49 लाख करोड़ रुपये था। वहीं, समीक्षाधीन वित्त वर्ष में बैंक की नकद रिकवरी बढ़कर 854 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

इलाहाबाद बैंक के ओपन ऑफर को मंजूरी

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सरकार को इलाहाबाद बैंक में पूंजी लगाने के बाद उसका ओपन ऑफर लाने की मंजूरी दे दी है। इस वर्ष जनवरी में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के इस कर्जदाता बैंक में 1,500 करोड़ रुपये पूंजी निवेश का प्रस्ताव रखा था। पूंजी बाजार नियामक ने एक आदेश में कहा कि बैंक में पूंजी निवेश के बाद सरकार उसका ओपन ऑफर लाने की पात्रता हासिल कर लेगी। सेबी ने यह भी कहा कि ओपन ऑफर लाने के बाद बैंक पर मालिकाना हक और उसके इक्विटी शेयरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं होगा।

यूनियन बैंक को 7,400 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति: सार्वजनिक क्षेत्र के कर्जदाता यूनियन बैंक के बोर्ड ने बैंक को चालू वित्त वर्ष के दौरान 7,400 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है। बैंक यह रकम इक्विटी पूंजी या बांड्स के जरिये जुटा सकता है। इसके तहत कुल रकम में से बैंक अतिरिक्त टियर-1 (एटी-1) या टियर-2 बांड्स सेग्मेंट में अधिकतम 3,700 करोड़ रुपये जुटाने के लिए स्वतंत्र होगा। इसके अलावा बैंक को इक्विटी के जरिये अधिकतम 6,850 करोड़ रुपये जुटाने के लिए पब्लिक इश्यू और राइट्स इश्यू के साथ-साथ क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआइपी) या प्रिफरेंशियल अलॉटमेंट जैसे प्राइवेट प्लेसमेंट का रास्ता खुला रहेगा

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