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दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा 2.9 फीसद पर पहुंचा

दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा 2.9 फीसद पर पहुंचा

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देश का चालू खाते का घाटा (सीएडी) चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के मुकाबले 2.9 फीसद हो गया है जबकि पिछले साल की समान अवधि में सीएडी 1.1 फीसद था। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार सीएडी में बढ़ोतरी मुख्य रूप से व्यापार घाटा बढ़ने के कारण हुई है। कच्चा तेल महंगा होने के कारण देश का आयात बिल बढ़ने से व्यापार घाटा बढ़ गया।

देश में विदेशी मुद्रा की आमद और प्रवाह का अंतर यानी सीएडी 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 19.1 अरब डॉलर था। जबकि पिछले साल 30 सितंबर को सीएडी 6.9 अरब डॉलर था। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में यह घाटा 15.9 अरब डॉलर था। आरबीआइ के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी के मुकाबले सीएडी 2.9 फीसद हो गया जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1.1 फीसद था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सीएडी 2.4 फीसद था।

अगर छमाही आधार पर देखें तो इस साल पहली छमाही में यह 2.7 फीसद हो गया जबकि पिछले साल पहली छमाही में 1.8 फीसद था। रिजर्व बैंक के अनुसार पिछले साल के मुकाबले सीएडी में बढ़ोतरी मुख्य रूप से व्यापार घाटा बढ़ने के कारण हुई है। व्यापार घाटा बढ़कर 50 अरब डॉलर हो गया है जबकि पिछले साल व्यापार घाटा 32.5 अरब डॉलर था। रिजर्व बैंक के जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए जारी भुगतान संतुलन (बीओपी) संबंधी आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलिया निवेश के मद में इस दौरान शुद्ध रूप से 1.6 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा निकाली गई जबकि पिछले साल इस दौरान 2.1 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा देश में आई थी।

विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 30 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 93.28 करोड़ डॉलर बढ़कर 393.72 अरब डॉलर हो गया। विदेशी मुद्रा में असेट बढ़ने के कारण भंडार बढ़ा है। पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 79.5 करोड़ डॉलर घटकर 393.78 अरब डॉलर रह गया था।


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