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मध्य वर्ग को टैक्स में बंपर छूट से उछला शेयर बाजार, सेंसेक्स में 400 अंकों की तेजी

मध्य वर्ग को टैक्स में बंपर छूट से उछला शेयर बाजार, सेंसेक्स में 400 अंकों की तेजी

जैसी कि उम्मीद की जा रही थी कि...Editor

जैसी कि उम्मीद की जा रही थी कि सरकार लोकसभा चुनाव से पहले लोकलुभावन बजट पेश करेगी, ऐसा ही कुछ पूरे बजट भाषण के दौरान सुनने को मिला. वित्त मंत्री ने किसानों से लेकर व्यापारियों और सैलरीड क्लास को बड़ी राहत दी. अगर आप भी दो घर खरीदने का प्लान कर रहे हैं या फिर आपके पास पहले से दो घर हैं तो मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है. नई घोषणा के अनुसार दो घर लेने पर भी आपको टैक्स नहीं भरना होगा. आपको बता दें कि अभी आपको केवल 2 लाख रुपये तक के होम लोन इंटरेस्ट पर भी आयकर से छूट मिलती थी. इसका फायदा देश के करोड़ों लोगों को मिलने की उम्मीद है.

पांच लाख तक कोई टैक्स नहीं

वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब में बदलाव और दो घर लेने पर टैक्स नहीं देने की घोषणा करते हुए कहा कि यह भारत के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब आयकर दाताओं को इतनी बढ़ी छूट मिली है. नए बदलाव के तहत पांच लाख रुपये तक की आमदनी पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा. पहले यह सीमा 2.5 लाख रुपये थी. यानी सरकार की तरफ से आयकर की शुरुआती सीमा में 100 फीसदी का इजाफा किया गया है. निवेश के साथ 6.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर टैक्स नहीं देना होगा.

स्टैडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 50 हजार किया

इसके अलावा अभी तक के 40 हजार रुपये के स्टैडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है. इससे हर टैक्स पेयर को 13 हजार रुपये का फायदा हुआ है. नई घोषणा के अनुसार 40 हजार रुपये तक के बैंक ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. यदि आप दूसरा घर लेते हैं तो उस पर भी टैक्स नहीं लगेगा. अब 10 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा. वहीं 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आमदनी पर 20 प्रतिशत का टैक्स देना होगा. यह दोनों ही स्लैब पहले की ही तरह बने हुए हैं.

आमदनी के हिसाब से इतना हुआ फायदा

नए टैक्स स्लैब के अनुसार यदि आपकी आमदनी 7.5 लाख रुपये तक है तो आपको सालाना 49,920 रुपये का सालाना टैक्स चुकाना होगा. वहीं यदि आपका आय 10 लाख रुपये है तो पहले आपको 1.17 लाख रुपये का टैक्स देना होता था लेकिन अब आपको 99,840 का कर देना होगा. वहीं 20 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को 4.29 लाख रुपये की बजाय अब 4.02 लाख रुपये कर के रुप में देना होगा.

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