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बड़ी खुशखबरी: बजट सत्र में मोदी सरकार देने जा रही है आम जनता को 6 बड़े तोहफे

बड़ी खुशखबरी: बजट सत्र में मोदी सरकार देने जा रही है आम जनता को 6 बड़े तोहफे

मोदी सरकार सवर्ण आरक्षण बिल के...Editor

मोदी सरकार सवर्ण आरक्षण बिल के संसद में पास होने के बाद ही 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में आम जनता को यह छह बड़े तोहफे देने जा रही है। इन तोहफो को आम चुनाव से पहले सरकार की तरफ से मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि कौन से वो तोहफे हैं, जिनका एलान सरकार जनता के लिए कर सकती है।

किसानों, बेरोजगारों को वेतन

केंद्र सरकार किसानों को जल्द ही दो बड़े तोहफे देने जा रही है। इसकी घोषणा अगले हफ्ते तक और बजट से पहले हो सकती है। इसके तहत जहां किसानों को मासिक तनख्वाह मिलेगी, वहीं खेती के लिए ब्याज मुक्त लोन भी मिलेगा। वहीं बेरोजगारों को भी हर महीने उनके खाते में एक निश्चित राशि भी ट्रांसफर की जाएगी, जिससे वो अपना जीवन यापन अच्छी तरह से कर सकेंगे।

इतनी मिलेगी हर महीने तनख्वाह

प्रत्येक सीजन में किसानों को प्रति एकड़ चार हजार रुपये दिए जाएंगे। यह पैसा सीधे किसानों के खाते में डाला जाएगा। हालांकि यह पैसा किसानों को कुछ शर्तों के साथ मिलेगा। इस पैसे की मदद से किसान खेती के दौरान होने वाले खर्च को आसानी से पूरा कर सकेंगे। खेती के दौरान किसानों का मुख्य खर्च बीज, खाद, सिंचाई और फसल की पैदावार होने पर मंडी तक की जाने वाली ढुलाई पर होता है।

मिलेगा ब्याज मुक्त लोन

केंद्र सरकार इसके बाद ब्याज मुक्त लोन भी देने का एलान भी कर सकती है, जिससे किसानों पर ज्यादा आर्थिक बोझ न पड़े। किसानों को एक लाख रुपये का ब्याज मुक्त लोन भी मिलेगा। ब्याज मुक्त लोन देने से सरकार पर करीब 2.30 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। सरकार इसकी घोषणा यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई) के तहत करेगी।

2019 के चुनाव पर नजर

केंद्र सरकार की अब सीधे नजर मई 2019 में होने वाले आम चुनावों पर है। इसलिए वो बजट में इस योजना की घोषणा करना चाहती है, ताकि एनडीए एक बार फिर से भारी बहुमत से जीत सकें। मोदी सरकार इस स्कीम पर दो साल से काम कर रही है।

भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन ने 29 जनवरी 2018 को कहा था कि अगले सालों में 1 और 2 राज्यों में यूनिवर्सल बेसिक इनकम की शुरुआत हो सकती है। सुब्रमण्यन ने 2016-17 के आर्थिक सर्वे में यह सिफारिश की थी।

इनकम टैक्स में छूट

सरकार इनकम टैक्स को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। इसके तहत आयकर छूट की सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये तक किया जा सकता है। बुधवार को ही उद्योग संगठन सीआईआई ने आयकर छूट सीमा को पांच लाख रुपये करने की मांग की थी।

जीएसटी में हो सकते हैं बदलाव

निर्माणाधीन मकानों पर अभी लगने वाली 12 फीसदी जीएसटी में से आधे से ज्यादा हिस्सा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के रूप में बिल्डर को वापस कर दिया जाता है। ऐसे में वास्तविक जीएसटी सिर्फ 5-6 फीसदी ही होता है, जबकि बिल्डर खरीदारों को आईटीसी का लाभ नहीं देते हैं। लिहाजा परिषद 80 फीसदी इनपुट पंजीकृत डीलर से खरीदने वाले बिल्डर पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने पर विचार कर रही है।

जेटली ने दिए थे संकेत

वित्त मंत्री ने पिछले दिनों कहा था कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में टैक्स की दरों को कम करने, 28 फीसदी स्लैब में आने वाली वस्तुओं की संख्या घटाने, निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी दर कम करने और एमएसएमई के लिए मौजूदा सीमा 20 लाख को बढ़ाने पर फैसला किया जा सकता है।

होम लोन होगा सस्ता

पहली अप्रैल से आम जनता को बड़ा तोहफा देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी प्रकार के लोन की ब्याज दर को लेकर के एक बड़ा फैसला किया है। इस नियम के तहत होम, पर्सनल और सूक्ष्म व लघु उद्योगों के लिए ब्याज दर के लिए बैंकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

आरबीआई तय करेगा ब्याज दर

1 अप्रैल से आरबीआई जो भी रेपो रेट के हिसाब से ब्याज दर तय करेगा, व्यक्तियों को उसी के हिसाब से ईएमआई देनी होगी। आरबीआई की दरें घटते ही बैंक आपकी ईएमआई घटा देंगे। इससे आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को मिलने की राह में पारदर्शिता आएगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि पहले आरबीआई द्वारा रेपो रेट घटाए जाने के बावजूद बैंक अपने महंगे फंड का हवाला देते हुए ब्याज दरों में कटौती अपेक्षित तरीके से नहीं किया करते थे। हालांकि, 1 अप्रैल 2019 से उन्हें एक्सटर्नल बेंचमार्किंग सिस्टम को मानना होगा।

इससे आरबीआई द्वारा ब्याज दर घटने या बढ़ने का फायदा लोन लेने वालों को जल्द मिलेगा। आरबीआई ने डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी पॉलिसीज के बयान में कहा कि ब्याज दरों को एक्सटर्नल बेंचमार्क्स से जोड़ने का आखिरी दिशानिर्देश इस महीने के अंत में जारी होगा।

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी को घर देने का वादा किया था और मोदी 2022 तक सभी को पक्के घर देने का वादा सार्वजनिक मंचों से करते रहे हैं, ऐसे में अपने इस बड़े वादे को पूरा करने के लिए सरकार होम लोन के रेट कम कर सकती है ताकि मिडिल क्लास के लोग आसानी से घर पा सकें।

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