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घट सकती है आपके लोन की EMI, कुछ देर में होगा RBI की मौद्रिक नीति का ऐलान

घट सकती है आपके लोन की EMI, कुछ देर में होगा RBI की मौद्रिक नीति का ऐलान

अगर आप भी हर महीने होम लोन या...Editor

अगर आप भी हर महीने होम लोन या कार लोन की ईएमआई चुका रहे हैं तो आज आपको रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से राहत दी जा सकती है. उद्योग संगठनों की मांग के बाद उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई ब्‍याज दरों में कमी का ऐलान कर सकता है. आरबाआई की तरफ से मौद्रिक नीति की समीक्षा कुछ ही देर में की जा सकती है. यह चालू वित्‍त वर्ष में आरबीआई की आखिरी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा नीति होगी. इससे पहले भी आरबीआई ने ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. हालांकि एसबीआई ईकोरैप की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि आरबीआई के फरवरी में अपने रुख में बदलाव करने की उम्मीद कम है.

0.25 फीसदी की कटौती पर हैरानी नहीं

आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने की संभावना भी कम है. रिपोर्ट के अनुसार, दरों में पहली कटौती अप्रैल 2019 में की जा सकती है. हालांकि, अगर बैंक 7 फरवरी को दर में 0.25 फीसदी की कटौती करता है तो हैरानी नहीं होगी. आपको बता दें कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई थी और इसका निष्कर्ष गुरुवार को जारी किया जाना है. कुछ जानकारों को कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और राजकोषीय चुनौती के चलते नीतिगत दर में बदलाव नहीं किए जाने की संभावना है.

गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे अध्यक्षता

छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे हैं. यह चालू वित्त वर्ष की छठी और आखिरी मौद्रिक नीति समीक्षा है. आमतौर पर एमपीसी अपनी समीक्षा को दोपहर में जारी करती है. इस बार रिजर्व बैंक इसे 7 फरवरी को सुबह पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट पर अपनी वेबसाइट पर जारी कर देगा. पिछले तीन बार से अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने रेपो दरों को लेकर यथा स्थिति बरकरार रखी है. उससे पहले चालू वित्त वर्ष की अन्य दो समीक्षाओं में प्रत्येक बार उसने दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की थी. वर्तमान में रेपो दर 6.50 प्रतिशत है.

ये हैं मौजूदा पॉलिसी रेट

रिजर्व बैंक की रेपो रेट अभी 6.50 फीसदी है. RBI ने 1 अगस्त 2018 को रेपो रेट 0.25 फीसदी बढाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया था. इसी दर पर वह बैंकों को एक दिन के लिए उधार देता है. इसके बढ़ने से बैंकों का कर्ज महंगा हो जाता है. एसबीआई ईकोरैप की रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई दर काबू में है और इसे देखकर लगता है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है. कारण बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई दर अब भी निचले स्तर पर बनी हुई और ग्रोथ रेट नरम है. दूसरा, जनवरी में क्रेडिट ग्रोथ में दूसरे पखवाड़े में गिरावट आई है. केंद्रीय बैंक ने पिछली तीन मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखा है. इससे पहले इस वित्त वर्ष में दो बार 0.25-0.25 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी.

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