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वरुण गांधी ने कहा-काम तो हम सांसद करते नहीं, बस संसद में तनख्वाह बढ़ाने के लिए चिल्लाते हैं

वरुण गांधी ने कहा-काम तो हम सांसद करते नहीं, बस संसद में तनख्वाह बढ़ाने के लिए चिल्लाते हैं

New Delhi : सुलतानपुर से...Editor

New Delhi : सुलतानपुर से बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने सांसदों द्वारा वेतन वृद्ध की मांग की आलोचना की।

वरुण कहा है कि सांसदों को किस बात का वेतन चाहिए, क्या सांसद इस प्रकार का काम कर रहे हैं जो उनका वेतन बढा दिया जाए। उन्होंने साथ पार्टी विरोधी बयानों की झड़ी लगा दी। उन्होंने बिना नाम लिए केंद्र से लेकर प्रदेशों तक में अपनी ही पार्टी की सरकारों पर निशाना साधा।
वहीं उन्होंने संघ और बीजेपी नेताओं के निशाने पर रहने वाले पं. जवाहर लाल नेहरू की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि नेहरू धनी परिवार से थे, राजा की तरह जिए और पीएम बन गए। वह लोग भूल जाते हैं कि नेहरू 15 साल जेल में रहे। मुझे कोई कहे कि 15 साल जेल में रहो, पद दे दूंगा तो मैं कहूंगा कि भइया माफ कर दो।
मीडिया नेस्ट व सिटीजन फोरम संस्था की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में वरुण गांधी ने किसानों की नीति से लेकर राष्ट्रपति, सांसदों के चुनाव तक की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आजादी के दौर में नेताओं के विचार लोगों को पता होते थे कि वह वामपंथी हैं या दक्षिणपंथी। आप दिल पर हाथ रखकर पूछिए कि आपको पता है कि आपका नेता किस विचारधारा का है। देश के टॉप-10 लीडर में किसी की कृषि, श्रम या विदेश नीति के बारे में क्या विचार हैं, आपको पता भी नहीं है। पहले नेता बनने के लिए 100 लेख लिखने होते थे, तब जनता नेता मानती थी। आज डिबेट के आधार पर चुनाव हो तो आधे जीत कर नहीं आ पाएंगे।
'किसान मर रहे, माल्या भाग गए' :
वरुण गांधी ने कहा कि 3000 रुपये का मामूली कर्ज न चुका पाने के चलते केरल के किसान केटी जोसफ को 3 महीने की जेल के बाद आत्महत्या कर ली थी। वहीं, विजय माल्या 4500 करोड़ रुपये का कर्ज होते हुए भी भाग गए। क्या यही हमारी व्यवस्था है?
अपनी ही सरकारों पर बिफरे :
वरुण गांधी के मुताबिक, देश के एक बड़े अखबार को एक साल से विज्ञापन नहीं मिल रहा। क्योंकि वहां की प्रदेश सरकार (राजस्थान में वसुंधरा सरकार की ओर इशारा) विज्ञापन देना ही नहीं चाहती, मैं उसका नाम नहीं लेना चाहता। बिना नाम लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार को निशाने पर लिया। उनकी नक्सलियों के खिलाफ नीति को भी आड़े हाथों लिया।
वंशवाद पर भी बोले :
वरुण के मुताबिक, राजनीति में आने वाले युवाओं में 82 फीसदी राजनैतिक परिवारों से ही हैं। गैर-राजनैतिक परिवारों के युवाओं को स्थानीय चुनावों में आरक्षण दिया जाना चाहिए।

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