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पेट्रोल-रियल एस्टेट जल्द आएंगे जीएसटी के दायरे में, अगले महीने हो सकता है ये बड़ा फैसला

पेट्रोल-रियल एस्टेट जल्द आएंगे जीएसटी के दायरे में, अगले महीने हो सकता है ये बड़ा फैसला

पेट्रोल, डीजल सहित रियल एस्टेट...Editor

पेट्रोल, डीजल सहित रियल एस्टेट सेक्टर को जल्द ही जीएसटी के दायरे में लाने के लिए बड़ा फैसला आ सकता है। इसके संकेत बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने दिए हैं। मोदी ने कहा कि अगले महीने होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में जो वस्तुएं फिलहाल जीएसटी के दायरे से बाहर हैं, उनको इसके अंदर लाया जाने पर भविष्य में सहमति बन सकती है।


ये वस्तुएं और सर्विस हैं बाहर
फिलहाल पेट्रोल-डीजल के अलावा रियल एस्टेट, बिजली की सप्लाई व उत्पादन और स्टांप ड्यूटी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। अभी पेट्रोल-डीजल से केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की 40 फीसदी कमाई होती है।

जीएसटी लगने से पेट्रोल-डीजल के दाम रह जाएंगे आधे
अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो अभी 80 रुपये में बिकने वाला पेट्रोल 40 रुपये में मिलने लगेगा। लेकिन राज्यों को इसकी बिक्री से सबसे ज्यादा कमाई होती है। अगर राज्य पेट्रो उत्पादों को जीएसटी के दायरे में करने पर सहमत हो जाते हैं तो फिर पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के रेट न केवल सस्ते हो जाएंगे बल्कि एक समान होने की उम्मीद भी है।
पेट्रोल पर 21.48 रुपये और डीजल पर 17.33 रुपये है शुल्क

पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत काम करने वाले पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के मुताबिक इस समय पेट्रोल पर प्रति लीटर बेसिक सेनवेट ड्यूटी के रूप में 8.48 रुपये, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी के रूप में छह रुपये और स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी के रूप में 7 रुपये वसूले जाते हैं। मतलब कुल मिलाकर 21.48 रुपये का केंद्रीय उत्पाद शुल्क।

इसी तरह डीजल पर प्रति लीटर 10.33 रुपये की बेसिक सेनवेट ड्यूटी, छह रुपया एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और एक रुपया स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी देय होता है। मतलब ग्राहकों को कुल मिला कर 17.33 रुपये का केंद्रीय उत्पाद शुल्क डीजल पर देना पड़ता है।

राज्यों में है 49 फीसदी तक वैट
पीपीएसी के मुताबिक राज्यों में इस समय पेट्रोल पर अधिकतम 48.98 फीसदी (महाराष्ट्र में) और डीजल पर अधिकतम 31.06 फीसदी (आंध्र प्रदेश में) का वैट लिया जा रहा है। इस वजह से इनकी कीमत काफी बढ़ जाती है।

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