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देरी से मिला न्याय न के बराबर, बंद हो तारीख पर तारीख की परंपरा: कोविंद

देरी से मिला न्याय न के बराबर, बंद हो तारीख पर तारीख की परंपरा: कोविंद

हाईकोर्ट के विस्तार की...Editor

हाईकोर्ट के विस्तार की आधारशिला रखने आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मुकदमों में अनावश्यक स्थगन (एडजर्नमेंट) की परंपरा बंद होनी चाहिए। देरी से मिला न्याय अन्याय के समान है, इसलिए तारीख पर तारीख की परंपरा से बचना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अदालतों में स्थानीय भाषा में बहस करने का चलन बढ़ना चाहिए, ताकि आम आदमी को अपने मुकदमे की सही जानकारी हो सके। आम आदमी को त्वरित न्याय दिलाने का यही एक तरीका है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को समारोह स्थल से बटन दबाकर न्यायग्राम के शिलापट्ट का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि अदालती फैसलों के हिंदी और स्थानीय भाषा में अनुवाद की सुविधा भी होनी चाहिए, जिससे कि वादकारी अपने पक्ष या विपक्ष में हुए फैसले को आसानी से समझ सके।

उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां फैसलों का हिंदी में अनुवाद उपलब्ध कराया जाता है। कुछ अन्य उच्च न्यायालय भी ऐसा कर रहे हैं। इससे वादकारी को अपने वकील पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

अदालतों में जजों की कमी, देश में तीन करोड़ से अधिक मुकदमे लंबित
न्यायपालिका के समक्ष चुनौतियों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी और अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर न्यायिक ढांचे को और मजबूत बनाया जा सकता है। अदालतों में जजों की कमी है और देश में तीन करोड़ से अधिक मुकदमे लंबित हैं और इसमें से 40 लाख सिर्फ उच्च न्यायालयों के हैं। छह लाख मुकदमे दस वर्ष से अधिक पुराने हैं। कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी और देश की प्रथम महिला सविता कोविंद भी मौजूद थीं।
सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिलान्यास समारोह के मौके पर कहा कि सरकार ने लोक हित की तमाम योजनाएं प्रारंभ की हैं, मगर कई बार इनको लेकर दाखिल होनी वाली जनहित याचिकाओं में यह योजनाएं त्रिशूल पर लटक जाती हैं। कई लोग सिर्फ मीडिया में बने रहने और लोकप्रियता के लिए जनहित याचिकाएं दाखिल करते हैं, जिससे जनता के हित की योजनाएं बाधित होती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आम आदमी को सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

समयबद्ध हो न्यायग्राम का निर्माण: राज्यपाल
इलाहाबाद। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि न्यायग्राम का निर्माण समयसीमा के भीतर पूरा हो इसके लिए रिव्यू कमेटी बनाई जाए। उम्मीद जताई कि ज्यूडिशियल एकेडमी बनने से प्रदेश में न्यायप्रणाली बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और हाईकोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीबी भोसले ने भी संबोधित किया

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