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तीन फुटिए नूर तांत्रे के खुराफाती दिमाग की साजिश से हुआ पुलवामा हमला, मरने से पहले की थी रेकी

तीन फुटिए नूर तांत्रे के खुराफाती दिमाग की साजिश से हुआ पुलवामा हमला, मरने से पहले की थी रेकी

जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर नूर...Editor

जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर नूर तांत्रे मरने के बाद भी हमला करा गया। यह हमला नूर तांत्रे के खुराफाती दिमाग की साजिश थी। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि हमले से पहले मारे गए आतंकी सीआरपीएफ कैंप की रेकी कर चुके थे।


इनके साथ तब नूर तांत्रे भी था। नूर तांत्रे मरने से पहले इन आतंकियों को पूरी लोकेशन और घटनास्थल का दौरा करा चुका था।सैन्य सूत्र बताते हैं कि ये सब यहां हमला करना चाहते थे, लेकिन इससे पहले ही इनके बारे में सुरक्षाबलों को पता चल गया।

इनकी सूचना पर पुलिस ने नूर तांत्रे को तो ढेर कर दिया, लेकिन बाकी के आतंकी भाग गए। सूत्रों का यह भी कहना है कि भागने वाले आतंकी पाकिस्तानी थे। इन भागे हुए आतंकियों ने ही ट्रेनिंग सेंटर पर हमला किया है

अभी पांच दिन पहले ही तीन फुटिया जैश कमांडर आतंकी नूर तांत्रे इसी इलाके में ढेर कर दिया गया था। अमर उजाला ने छापा था कि नूर के पास सुरक्षा प्रतिष्ठानों की कई जानकारियां हैं। यह भी बताया था कि आशंका है कि नूर ने इन प्रतिष्ठानों का नक्शा बनाकर जैश को दिया हो।

नूर तांत्रे पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के कई ठिकानों की जानकारी रखता था। नूर की मौत के छठे दिन ही आतंकियों ने फिदायीन हमला कर दिया और इसमें उनको कामयाबी भी मिल गई, जबकि इससे पहले भी जैश के आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था, लेकिन आतंकियों को मार गिराया गया था।

सूत्रों का कहना है कि मरने से पहले नूर जैश-ए-मोहम्मद को कई सुरक्षा ठिकानों की जानकारी दे चुका है। जो आने वाले समय में सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। इससे निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को कड़ी मेहनत करनी होगी।

आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद भी बयान जारी कर चुका है कि यह हमला नूर मोहम्मद तांत्रे, तल्ला राशिद और मोहम्मद भाई की मौत का बदला है।
पठानकोट से शुरू सिलसिला अब तक है जारी
कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी चुनौति बन गया है। जैश हमेशा फिदायीन हमले करता आया है। पठानकोट एयरबेस हो या फिर उड़ी हमला। दोनों में ही भारतीय सेना को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले पांच बड़े हमले इस बात के प्रमाण हैं।

पठानकोट में एयरबेस पर हमला करने के बाद भी जैश के हमले जारी हैं। पठानकोट के बाद अब तक उड़ी, नगरोटा, पुलवामा पुलिस लाइन, सुंबल, श्रीनगर एयरपोर्ट के पास बीएसएफ कैंप आदि पर जैश ने हमले किए हैं। जैश एक चार से पांच दल अब भी घाटी के पुलवामा, बारामुला, कुपवाड़ा, अनंतनाग, शोपियां में सक्रिय हैं।

आईजी ने भी जताई थी आशंका
जैश आतंकियों ने 2017 में 27 अगस्त को पुलवामा जिला पुलिस लाइन में हमला किया था। इसमें चार सीआरपीएफ और चार पुलिस कर्मी शहीद हो गए। इस हमले के बाद आईजी कश्मीर ने बयान जारी कर कहा था कि जैश और फिदायीन हमले कर सकता है।

आईजी ने कहा था कि घाटी के अलग-अलग हिस्सों में जैश के चार से पांच ग्रुप सक्रिय हैं। जो कभी भी हमले कर सकते हैं।
घाटी में एक हफ्ते से थे फिदायीन हमले के इनपुट
कश्मीर घाटी के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के इनपुट पिछले कई दिनों से थे। बावजूद इसके आतंकियों ने साल के अंतिम दिन बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दिया। खुफिया एजेंसियों की ओर से इनपुट जारी किए गए थे कि श्रीनगर सहित अन्य आतंकवाद ग्रस्त जिलों में सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर आतंकी फिदायीन हमला कर सकते हैं।

आतंकियों की ओर से नव वर्ष के पहले दिन या साल के अंतिम दिन हमला करने के स्टीक इनपुट थे। बावजूद इसके आतंकी हमला हो गया। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि जैश ए मोहम्मद कई दिनों से पुलवामा जिले में हमला करने की तैयारी कर रहा था। वहीं इस हमले के बाद अलर्ट जारी किया गया है।

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