मतदान से पहले गोरखपुर में गुमनाम चिट्ठी ने चढ़ाया सियासी पारा
- In मुख्य समाचार 10 March 2018 6:11 PM GMT
गोरखपुर. लोकसभा उप चुनाव के...Public Khabar
गोरखपुर. लोकसभा उप चुनाव के लिए मतदान होने में मुश्किल से कुछ घंटे बचे हैं और ऐसे में मतदाताओं के नाम एक गुमनाम चिट्ठी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ सियासी पारा चढ़ा दिया है. यह चिट्ठी गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में उपेन्द्र शुक्ला की उम्मीदवारी को लेकर सवाल उठा रही है. मतदाताओं के नाम लिखी इस चिट्ठी के अनुसार पहले मेयर चुनाव में योगी के उत्तराधिकारी के रूप में धर्मेन्द्र सिंह सैंथवार को किनारे कर बाहर से आये सीताराम जायसवाल को मेयर का टिकट दे दिया गया. इसके बाद जब सैंथवार ने लोकसभा चुनाव के लिए सीएम योगी के उत्तराधिकारी के रूप में अपनी दावेदारी पेश की तब भी उन्हें किनारे कर, उपेन्द्र शुक्ला को लोकसभा का उम्मीदवार बना दिया गया.
चिट्ठी में सीधा-सीधा आरोप लगाया गया है कि उपेन्द्र शुक्ला मंदिर विरोधी हैं. इस चिट्ठी में गोरखपुर की सियासत से जुड़े कई पुराने किस्सों का भी जिक्र हुआ है. चिट्ठी बीजेपी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के कब्जे में जाने के बाद जमीनी नेताओं के अपमान किए जाने की भी चर्चा कर रही है.
इस चिट्ठी में कई वाकयों का जिक्र कर योगी की पसंद के उम्मीदवार धर्मेन्द सिंह सैथवार के साथ बीजेपी आलाकमान की अनदेखी और योगी के ख़िलाफ़ बीजेपी की साज़िश को लेकर चर्चा की गई है. इस चिठ्ठी में जो भी बातें लिखी गई है उन बातों में ज़्यादातर बातें चुनावों में जनता और बीजेपी नेता कार्यकर्ता की ज़ुबान पर है.
चिठ्ठी जारी होने के बाद सियासी हल्को में ये चर्चा ज़ोरों पर है कि आखिरकार इस चिठ्ठी को जारी करने के पीछे कौन है. सीएम योगी के साथ बीजेपी आलाकमान के द्वारा लगातार हो रही नाइंसाफ़ी का भी ज़िक्र चिठ्ठी में किया गया है जिससे ये क़यास ये भी लगाया जा रहा है कि चिठ्ठी जारी करने के पीछे कहीं गोरक्षपीठ के लोग तो शामिल नही है. इस चिठ्ठी पर सियासी हलको में अफ़वाहों का बाज़ार गर्म है लेकिन अब तक सत्ता पक्ष या फिर विपक्ष से किसी ने अब तक इस मुद्दे पर कुछ भी नही बोला है. लेकिन इस चिठ्ठी के सामने आने के बाद बीजेपी के वोटरों कश्मकश की स्थिति पैदा हो गई है.