6 मई 2025 का विस्तृत पंचांग, नवमी तिथि, ध्रुव योग, मघा नक्षत्र और बुध का राशि परिवर्तन

6 मई 2025 का विस्तृत पंचांग, नवमी तिथि, ध्रुव योग, मघा नक्षत्र और बुध का राशि परिवर्तन
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वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि इस बार 6 मई 2025 को पड़ रही है, जो कि मंगलवार का दिन है। इस दिन का ज्योतिषीय महत्व कई कारणों से विशेष बनता है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह दिन व्रत, पूजा और शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माना जा सकता है। साथ ही कुछ योग और ग्रहों की स्थितियों के कारण यह दिन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

6 मई की नवमी तिथि सुबह 8 बजकर 39 मिनट तक ही रहेगी, उसके पश्चात दशमी तिथि का आरंभ हो जाएगा। इस तिथि परिवर्तन का असर पूजन विधियों और शुभ कार्यों के समय निर्धारण पर पड़ेगा। यदि किसी कार्य के लिए नवमी तिथि का व्रत या पूजा करनी है तो वह सुबह 8:39 बजे से पहले ही सम्पन्न कर लेनी चाहिए।

ध्रुव योग और मघा नक्षत्र का प्रभाव

इस दिन ध्रुव योग का विशेष महत्व है, जो रात्रि 12 बजकर 30 मिनट तक बना रहेगा। ध्रुव योग को स्थायित्व प्रदान करने वाला योग माना गया है। यदि कोई व्यक्ति किसी स्थायी कार्य, व्यापार विस्तार, संपत्ति खरीद या नई शुरुआत की योजना बना रहा हो, तो यह समय अत्यंत अनुकूल माना गया है।

वहीं, मघा नक्षत्र मंगलवार को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। यह नक्षत्र राजसी गुणों से भरपूर होता है और सम्मान, पद-प्रतिष्ठा तथा आधिकारिक कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। इस अवधि में किया गया कोई भी कार्य सामाजिक रूप से लाभदायक साबित हो सकता है।

बुध का राशि परिवर्तन: बुध का मेष में प्रवेश

6 मई को एक और महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होगी जब बुध ग्रह भोर 4 बजकर 6 मिनट पर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। बुध के मेष राशि में आगमन से व्यापारिक जगत में गति आएगी, संचार और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी। विशेष रूप से जिन जातकों की कुंडली में बुध शुभ भावों में है, उनके लिए यह गोचर अत्यंत लाभकारी रहेगा।

राहुकाल और शुभ मुहूर्त: समय की सावधानी ज़रूरी

मंगलवार को राहुकाल का समय दोपहर 3:03 बजे से 4:39 बजे तक रहेगा। यह समय किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने के लिए वर्जित माना जाता है। अतः इस दौरान नए कार्य, खरीदारी या यात्रा से बचना बेहतर होगा।

शुभ मुहूर्त सुबह 7:00 से 8:30 बजे तक, और फिर दोपहर 12:15 से 1:45 बजे तक रहेगा। इन समयों के बीच कोई भी पूजन, नया कार्यारंभ, हस्ताक्षर या अन्य शुभ कार्य करना लाभदायक माना गया है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

* सूर्योदय: सुबह 5:33 बजे

* सूर्यास्त: शाम 6:51 बजे

इन समयों के अनुसार ही दिन का प्रारंभ और समापन माना जाएगा। पंचांग, मुहूर्त और ज्योतिषीय गणनाओं में सूर्योदय और सूर्यास्त का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

6 मई को बन रहे हैं कई शुभ संयोग

6 मई का दिन पंचांग के अनुसार अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन नवमी तिथि, ध्रुव योग, मघा नक्षत्र और बुध का मेष में गोचर जैसे शुभ योग एक साथ बन रहे हैं। इस दिन को विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों, निवेश, तथा निर्णयों के लिए उपयोग किया जा सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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