18 मई को राहु का कुंभ राशि में प्रवेश, गुरु के साथ बनेगा नवपंचम योग, इन राशियों को मिलेगा जबरदस्त लाभ

18 मई को राहु का कुंभ राशि में प्रवेश, गुरु के साथ बनेगा नवपंचम योग, इन राशियों को मिलेगा जबरदस्त लाभ
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वेदिक ज्योतिष में राहु को एक छाया ग्रह माना जाता है, जो अदृश्य होते हुए भी अत्यंत प्रभावशाली फल प्रदान करता है। यह जीवन के रहस्यमय, अचानक घटित होने वाले और गूढ़ बदलावों का प्रतीक माना गया है। 18 मई 2025 को राहु कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहा है, जहां पहले से ही गुरु (बृहस्पति) विराजमान हैं। जैसे ही राहु इस राशि में गोचर करेगा, उसी क्षण गुरु-राहु के बीच नवपंचम योग का शुभ निर्माण होगा।

यह योग ज्योतिष में एक दुर्लभ और अत्यंत प्रभावशाली संयोजन माना जाता है, जो धन, पद, प्रतिष्ठा और बौद्धिक उपलब्धियों के लिए श्रेष्ठ माना गया है। चूंकि यह योग एक सामाजिक और भविष्य दृष्टिकोण से प्रगतिशील राशि कुंभ में बन रहा है, इसलिए इसका प्रभाव सामूहिक रूप से भी व्यापक रूप से देखा जा सकता है।

नवपंचम योग: क्या है इसका महत्व?

नवपंचम योग तब बनता है जब दो शुभ ग्रह नवम (9वीं) और पंचम (5वीं) भावों के स्वामी होकर या उन स्थानों पर स्थित होकर आपस में संबंध बनाते हैं। इस विशेष योग से व्यक्ति के जीवन में बुद्धि, निर्णय क्षमता, भाग्य और सौभाग्य का जबरदस्त संयोग बनता है।

गुरु और राहु का यह मिलन व्यक्ति को नए आयाम पर ले जा सकता है। खासकर वे लोग जो शिक्षा, तकनीक, रिसर्च, विदेशी संपर्क, राजनीति और ज्योतिष जैसे क्षेत्रों से जुड़े हैं, उनके लिए यह काल बेहद फलदायी साबित हो सकता है।

किन राशियों को मिलेगा नवपंचम योग से सीधा लाभ?

1. मिथुन राशि: करियर में बड़ा बदलाव, नई जिम्मेदारियाँ और विदेश से लाभ के संकेत हैं।

2. तुला राशि: निवेश और धन अर्जन में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है।

3. मीन राशि: मानसिक स्पष्टता और उच्च शिक्षा या अध्यात्म में रुचि बढ़ेगी।

इसके अलावा कुंभ, धनु और कर्क राशि वालों को भी इस योग से लाभ मिल सकता है, बशर्ते उनकी कुंडली में गुरु और राहु शुभ स्थानों में हों।

राहु गोचर का समय और ज्योतिषीय दृष्टिकोण

18 मई 2025 को राहु दोपहर 2:46 बजे लगभग वृषभ राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। शनि की राशि होने के कारण कुंभ में राहु का गोचर एक अलग किस्म की स्थिरता और प्रयोगशीलता लाता है। यह स्थिति सामाजिक आंदोलनों, वैज्ञानिक सोच और डिजिटल क्षेत्र में प्रगति को प्रेरित कर सकती है।

गुरु पहले से ही कुंभ में होने के कारण यह संयोग न केवल व्यक्तिगत, बल्कि राष्ट्रीय और वैश्विक दृष्टि से भी बदलावकारी साबित हो सकता है।


राहु और गुरु का यह नवपंचम योग 2025 के मध्य में एक बड़ा ज्योतिषीय मोड़ साबित हो सकता है। यह योग जहां कुछ लोगों के लिए विकास और समृद्धि का द्वार खोल सकता है, वहीं कुछ के लिए नई जिम्मेदारियों और सतर्कता की भी आवश्यकता ला सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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