सफेद चंदन का तिलक क्यों इसे लगाया जाता है मस्तक पर, क्या है इसका गहरा धार्मिक और वैज्ञानिक रहस्य?

भारतीय संस्कृति में तिलक लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है, और विशेष रूप से सफेद चंदन का तिलक आध्यात्मिक पवित्रता और मानसिक संतुलन का प्रतीक माना जाता है। चाहे पूजा-पाठ का अवसर हो, कोई धार्मिक अनुष्ठान या फिर योग-साधना, सफेद चंदन का तिलक मस्तक पर लगाने की परंपरा आज भी जीवंत है। यह न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि इसका सीधा संबंध हमारे मस्तिष्क, चित्त और ऊर्जा केंद्रों से भी जुड़ा हुआ है।
धार्मिक महत्व: पवित्रता और ईश्वर की कृपा का प्रतीक
शास्त्रों के अनुसार, चंदन भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। सफेद चंदन का तिलक लगाने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है और वातावरण में पवित्रता बनी रहती है। मंदिरों में पुजारी जब भक्तों के मस्तक पर चंदन लगाते हैं, तो उसका उद्देश्य भक्त को आध्यात्मिक रूप से जागरूक करना होता है। यह तिलक ब्रह्मा रंध्र (मस्तिष्क के ऊपरी भाग) पर लगाया जाता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: तिलक और मानसिक स्वास्थ्य
सफेद चंदन में ठंडक देने वाले तत्व पाए जाते हैं जो मन को शांति प्रदान करते हैं। जब इसे आज्ञा चक्र (भ्रूमध्य) पर लगाया जाता है, तो यह मस्तिष्क की गर्मी को नियंत्रित करता है, जिससे क्रोध, चिंता और मानसिक तनाव में कमी आती है। आयुर्वेद में भी सफेद चंदन को एक प्राकृतिक शीतलक माना गया है, जो ध्यान और मानसिक स्थिरता को बढ़ाता है।
आध्यात्मिक ऊर्जा का जागरण
माना जाता है कि मस्तक पर तिलक लगाने से सात चक्रों में से 'आज्ञा चक्र' सक्रिय होता है। यह चक्र हमारे भीतर की चेतना, निर्णय शक्ति और तीसरी आँख से जुड़ा है। सफेद चंदन से तिलक करने से यह चक्र संतुलित रहता है, जिससे ध्यान केंद्रित होता है और आत्मज्ञान की ओर व्यक्ति अग्रसर होता है। साधु-संत, योगी और ध्यान करने वाले इसे रोज़ाना लगाते हैं ताकि उनकी साधना में विघ्न न आए।
कब और कैसे लगाना चाहिए सफेद चंदन तिलक?
प्रत्येक दिन प्रातः स्नान के बाद सफेद चंदन का तिलक लगाना शुभ माना गया है। इसे अंगूठे या अनामिका उंगली से माथे पर सीधे ऊर्ध्व रेखा या त्रिपुंड के रूप में लगाया जाता है। इसे लगाने से पूर्व एक मंत्र — “ॐ केशवाय नमः” का उच्चारण किया जाए तो इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है। रविवार और एकादशी तिथि को चंदन तिलक विशेष फलदायी माना गया है।
सफेद चंदन का तिलक केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने का एक दिव्य माध्यम है। यह तिलक जहां श्रद्धा और ईश्वर भक्ति का संकेत है, वहीं यह वैज्ञानिक रूप से मन को शीतल और ऊर्जा से परिपूर्ण बनाए रखने का प्रभावशाली उपाय भी है। ऐसे में इस शुभ तिलक को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और शांति, सौम्यता व संतुलन का अनुभव करें।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।