विवाह में हो रही है देरी? ये उपाय खोल सकते हैं आपके भाग्य के द्वार, मिल सकता है शीघ्र विवाह का वरदान

विवाह में हो रही है देरी? ये उपाय खोल सकते हैं आपके भाग्य के द्वार, मिल सकता है शीघ्र विवाह का वरदान
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विवाह जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ है, लेकिन जब यह शुभ कार्य बार-बार रुकावटों में फंसने लगे, तो व्यक्ति मानसिक और सामाजिक दोनों रूप से परेशान हो उठता है। कई बार योग्य वर या वधू मिलने के बावजूद रिश्ता अंतिम रूप नहीं ले पाता, तो कहीं ग्रहदोष, कुंडली असंतुलन या पारिवारिक कारणों से देरी होती है। ऐसे में ज्योतिषशास्त्र और धार्मिक उपायों की सहायता ली जा सकती है जो वर्षों से आजमाए जाते रहे हैं।

क्या हैं विवाह में विलंब के कारण?

अधिकतर मामलों में विवाह में देरी का मुख्य कारण मंगल दोष, कालसर्प योग, शुक्र का अशुभ प्रभाव, सप्तम भाव की दुर्बलता या गुरु का नीचस्थ होना माना गया है। इसके अतिरिक्त पारिवारिक समस्याएं, जात-पात की सोच, या नौकरी और करियर को लेकर असमंजस भी कारण बनते हैं। कुछ मामलों में मानसिक रूप से अस्थिरता या आत्म-विश्वास की कमी भी विवाह में बाधा उत्पन्न करती है।

उपाय जो ला सकते हैं विवाह का संयोग

अगर आपके जीवन में विवाह संबंधित अड़चनें बनी हुई हैं, तो नीचे बताए गए उपाय विशेष रूप से लाभकारी हो सकते हैं:

* गुरुवार का व्रत और पीली चीज़ों का दान – विवाह में देरी हो तो गुरुवार के दिन व्रत करें और केले के पेड़ की पूजा कर पीले वस्त्र, चने की दाल, हल्दी और पीला फल दान करें। इससे गुरु ग्रह का प्रभाव अनुकूल होता है और विवाह योग बनने लगता है।

* शिव-पार्वती पूजन और रुद्राभिषेक – कुंवारी कन्याएं और वर दोनों सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें, साथ ही पार्वती माता का ध्यान करें। इससे शुभ विवाह के योग प्रबल होते हैं।

* सप्तम भाव की शुद्धि हेतु गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय जाप – रोज़ाना 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें। विशेष रूप से अगर कुंडली में सप्तम भाव पीड़ित हो तो महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान भी लाभकारी होता है।

* कुंडली मिलान और ज्योतिष परामर्श – अगर बार-बार रिश्ते टूटते हैं या बात पक्की होकर बिगड़ जाती है, तो किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से कुंडली विश्लेषण करवाना आवश्यक होता है। कई बार नाड़ी दोष, भकूट दोष या योन दोष इसका कारण बनते हैं।

* कात्यायनी माता का पूजन – नवरात्रि में कात्यायनी देवी का व्रत रखने से विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं। विशेषकर कन्याओं के लिए यह अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।

विवाह में देरी से निराश होना स्वाभाविक है, लेकिन सही दिशा में किए गए प्रयास और धार्मिक उपाय निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम ला सकते हैं। संयम, श्रद्धा और नियमितता से किया गया पूजन या व्रत भाग्य के बंद द्वार खोल सकता है। इन उपायों को अपनाकर आप जीवनसाथी पाने के मार्ग को सरल और शुभ बना सकते हैं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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