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यहाँ पैदा होने के बाद माँ-बाप ही छुपा देते हैं घर की सबसे छोटी बेटी को, कारण जानकर हो जायेंगे..
- In ज़रा हटके 1 Feb 2018 5:22 AM GMT
शिलांग: आज इतनी तरक्की कर लेने...Editor
शिलांग: आज इतनी तरक्की कर लेने के बाद भी समाज में कई ऐसे काम देखने को मिलते हैं, जिसके ऊपर भरोसा नहीं होता है। अपने समाज में हो रही इन चीजों को देखने के बाद कई बार ऐसा लगता है कि आज इतने विकास के बाद भी हम कितने पीछे हैं। भारत एक विविधता भरा देश है, यह बात हर किसी को मालूम है। यहाँ कई धर्म, जाती समुदाय के लोग एक साथ रहते हैं। सभी धर्म और समुदायों के अपने-अपने नियम और कानून हैं।
भारत में जनजातियों के कानून और नियम अलग ही होते हैं। आज जहाँ केंद्र सरकार लड़कियों की शिक्षा और उनके विकास के लिए तरह-तरह की योजनायें चला रही है, वहीँ एक तरफ लड़कियों के साथ इस तरह की घटनाएँ हो रही हैं, जिनके बारे में जानकर आपको यकीन नहीं होगा। आज महिलाओं ने कई जगहों पर पुरुषों से भी बेहतर काम किया है और अपनी योग्यता साबित की है। महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।
आज देशभर में जहाँ बेटियों की आजादी की बातें की जा रही हैं और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहीम चल रही है, वहीँ महिलाओं के वर्चस्व वाले पूर्वोत्तर के एक राज्य में बेटियों के साथ ऐसा किया जाता है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जायेंगे। दरअसल मेघालय में परिवार की सबसे छोटी बेटी को किशोरावस्था की दहलीज पर कदम रखते ही, उसके माता-पिता उसे किसी अज्ञात स्थान पर छिपा देते हैं। यह जानने के बाद हर किसी को हैरानी होगी, लेकिन वहां के माता-पिता को इसमें अपनी बेटी की भलाई दिखती है।
मेघालय में सामान्यतौर पर जनजातियों की बहुलता है। वहां संपत्ति का अधिकार परिवार की बेटियों के पास ही होता है। परिवार अपनी किसी भी बेटी को अपना उत्तराधिकारी चुन सकता है, लेकिन आमतौर पर सबसे छोटी बेटी को ही संपत्ति का अधिकारी चुना जाता है। संपत्ति के लालच में बाहर से आये हुए लड़के परिवार की सबसे छोटी बेटी को अपने प्रेम जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं और शादी करके बाद में संपत्ति अपने कब्जे में ले लेते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए ही माता-पिता अपनी छोटी बेटी को तब तक छुपाकर रखते हैं जब तक कोई अच्छे परिवार का और उसकी पसंद का लड़का नहीं मिल जाता है।
हालाँकि मेघालय महिला प्रधान प्रदेश है, इस वजह से वहां पर महिलाएं बेख़ौफ़ होकर कभी भी कहीं भी निकल सकती हैं। यहाँ जब कोई लड़की पैदा होती है तो परिवार में जश्न का माहौल रहता है। यहाँ के समाज में लड़कियों को अन्य भारतीय राज्यों से ज्यादा आजादी दी जाती है। केवल यही नहीं धार्मिक गतिविधियों में भी यहाँ महिलाओं का महत्वपूर्ण स्थान होता है। महिलाओं की संख्या ज्यादा होने के बाद भी यहाँ विधानसभा में महिलाओं की उपस्थिति मात्र 3 प्रतिशत ही है जो बहुत ही दुखद है। जानकारी के लिए आपको बता दें मेघालय में अगले महीने चुनाव होने वाले हैं।
Tags: #जनजातियों के कानून