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बिहार : औने-पौने दाम पर गेहूं बेचने को मजबूर हैं किसान

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बिहार में सरकार के निर्देशों के बावजूद गेहूं की सरकारी खरीद सुचारू ढंग से शुरू नहीं हो पाई है, जिससे किसानों को औने-पौने भाव में अपना अनाज बेचना पड़ रहा है. प्रदेश की सबसे बड़ी अनाज मंडी गुलाब बाग में कारोबारी किसानों से 1400-1500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूं खरीद रहे हैं, जबकि एमएसपी के तहत 1735 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं की खरीद होनी चाहिए.


प्रदेश के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने शुक्रवार को बताया कि खरीद एजेंसियों और अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1735 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं की खरीद सुनिश्चित करें.

उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार किसानों को उनके अनाज का लाभकारी मूल्य दिलाने को लेकर प्रतिबद्ध है और पैक्स और प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडलों को किसानों से गेहूं खरीदने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.' उन्होंने कहा कि जमीन के मालिक और बटायदार दोनों अपना अनाज बेच सकें इसके लिए पंजीकरण के कागजात में भी सहूलियत दी गई है.

प्रदेश की सबसे बड़ी अनाज मंडी गुलाब बाग में गेहूं जींस कारोबारी किसानों से 1400-1500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूं खरीद रहे हैं. मंडी के एक कारोबारी ने बताया कि अच्छी क्वालिटी का गेहूं 1500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है जबकि बारिश के कारण खराब क्वालिटी का गेहूं 1400 रुपये प्रति क्विंटल है.

पूर्णिया जिले के किसान सिकंदर यादव ने बताया कि गांवों के व्यापारी 1350-1400 से ज्यादा कीमत पर गेहूं नहीं खरीद रहे हैं. उन्होंने कहा, 'गेहूं की खेती में अब लागत ज्यादा आती है जबकि दाम वाजिब नहीं मिलता है. खेती करना मजबूरी है क्योंकि दूसरा कोई काम नहीं है.'

सहरसा जिला के कहरा प्रखंड के किसान शंकर ठाकुर ने कहा कि इस बार गेहूं की पैदावार अच्छी है मगर भाव नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा, 'पैक्स की खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. मगर, उसमें भी पैसा समय पर नहीं मिलता है. ऐसे में गांवों के व्यापारियों को सस्ती दर पर बेचने के सिवा कोई दूसरा उपाय नहीं है.'

मधेपुरा जिले के किसान प्रणव यादव ने कहा कि उनको अपनी जरुरियात की पूर्ति के लिए करीब 20 क्विं टल गेहूं महज 1400 रुपये के भाव पर बेचना पड़ा है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पंजाब और हरियाणा की अनाज मंडियों में गेंहू व धान की खरीद होती है उस तरह की व्यवस्था बिहार में नहीं है. उन्होंने कहा, "यहां गांवों के व्यापारी मनमाने दाम पर अनाज खरीदते हैं.

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