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तेजस्वी ने नीतीश को लिखा खुला खत-जिनका जमीर मर चुका है वो जिंदा रहकर भी क्या करेगा?

तेजस्वी ने नीतीश को लिखा खुला खत-जिनका जमीर मर चुका है वो जिंदा रहकर भी क्या करेगा?

मुजफ्फरपुर की घटना से आहत नेता...Editor

मुजफ्फरपुर की घटना से आहत नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुला खत लिखा है और उनसे इस्तीफे की मांग की है। घटना से तेजस्वी ने खुद को दुखी बताया है और सीएम की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि खेलने की उम्र में बेटियां खुद खिलौना बन गईं, ऐसी घटना पर कोई चुप कैसे रह सकता है।

तेजस्वी ने अपने खत में लिखा कि वो बेटियां क्या बिहार की अमानत नहीं हैं? अगर वर्तमान बिहार सरकार की जिम्मेदारी नहीं है तो न ले, क्योंकि हम उसे मुर्दा मान चुके हैं। जिनका जमीर मर चुका है वो जिंदा रहकर भी क्या करेगा? मुजफ्फरपुर की यह घटना मानवीय इतिहास की सबसे क्रूरतम और शर्मनाक घटना है। संस्थागत रूप से इतना सबकुछ होता रहा, लेकिन सरकार के एक भी तंत्र और सूत्रों के कानों में जू तक नहीं रेंगी। एक प्राइवेट संस्थान ने जब इसकी रिपोर्ट दी तो 55 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. जब हमने सदन में मामला उठाया तो संसदीय मंत्री ने सदन को गुमराह किया"।

दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन के लिए शुक्रवार को पटना से रवाना होने के पहले नेता प्रतिपक्ष ने अपना खत मीडिया को जारी किया। पत्र में घटना के संदर्भ में समाज कल्याण विभाग की गलतियों को उजागर किया गया है और नीतीश सरकार पर विफलता का आरोप लगाया है।

उन्होंने घटना को शर्मनाक बताया और कहा कि इतना कुछ होता रहा लेकिन सरकारी तंत्र बेखबर रहा। कार्रवाई की रफ्तार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि सरकार इतनी धीरे क्यों चल रही है।

तेजस्वी ने कहा कि बालिका गृह ब्रजेश ठाकुर का नहीं, बल्कि सरकार का था, क्योंकि समाज कल्याण विभाग से संचालित हो रहा था। निजी संस्था की रिपोर्ट मिलने के 55 दिन बाद तक किसी ने सुध नहीं ली। उल्टे जिस दिन संस्था पर एफआइआर हुई, उसी दिन राज्य सरकार की ओर से उसे एक और टेंडर दे दिया गया।

तेजस्वी ने जांच का आदेश देने में राज्य सरकार पर टालमटोल और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि डीजीपी कहते रहे कि कुछ नहीं हुआ है। राज्य सरकार केस सुलझाने में सक्षम है। यहां तक कि विधानसभा को भी गुमराह किया गया। इससे राज्य सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे पर सवाल उठना लाजिमी है।

हालांकि नेता प्रतिपक्ष ने सीबीआइ जांच पर संतोष जाहिर किया और कहा कि देर से ही सही, लेकिन बेटियों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। तेजस्वी ने कहा कि बेटियों को न्याय दिलाने के लिए सीएम को मुंह खोलना ही होगा। इसके लिए विपक्ष दबाव बनाएगा।

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