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ग्रह-नक्षत्रों को सुधारने के लिए लालू यादव के घर आगे बांधा गया काला कपड़ा!

ग्रह-नक्षत्रों को सुधारने के लिए लालू यादव के घर आगे बांधा गया काला कपड़ा!

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद...Editor

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं. लालू यादव की स्वास्थ्य अधिक खराब होने के बाद उन्हें मेडिकल संबंधित प्रोविजनल बेल दिया गया था. हाल ही में वह मुंबई से इलाज कर पटना लौटे हैं. 24 अगस्त को लालू यादव के प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ाने की मांग की गई थी. लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था.

कोर्ट ने लालू यादव को 30 अगस्त तक सरेंडर करने का निर्देश दिया था. इसलिए बुधवार (29 अगस्त) को लालू यादव पटना से रांची के लिए रवाना होंगे. उसके बाद 30 अगस्त को वह सरेंडर करेंगे. लालू यादव के परिवारवालों को उनके स्वास्थ्य की चिंता सता रही है.

लालू परिवार को ऐसा लगता है कि उनका समय ठीक नहीं चल रहा है. और लालू यादव के ग्रह-नक्षत्र भी सही नहीं चल रहा है. इसलिए लालू यादव के रांची जाने से पहले खराब ग्रह-नक्षत्र और नकारात्मकता दूर करने के लिए परिवार ने घर के आगे गेट पर काला कपड़ा बांधा है.

वहीं, लालू यादव के निकलने से पहले उनके घर में काफी लोग उनसे मिलने भी पहुंच रहे हैं. बुधवार को वह पटना से रांची पहुंचेंगे. उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत में 30 अगस्त को सरेंडर करना है. अब जेल मेन्यूअल के हिसाब से आगे का उनका इलाज होगा.

बीते 24 अगस्त को जस्टिस अरपेश कुमार सिंह की कोर्ट में लालू यादव के वकीलों ने मेडिकल ग्राउंड पर प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इससे पहले रांची हाइकोर्ट में 17 अगस्त को लालू प्रसाद यादव की औपबंधिक (प्रोविजनल) बेल पर सुनवाई करते हुए 27 अगस्त तक के लिए बेल की अवधि बढ़ा दी गई थी.

वहीं, बीजेपी ने लालू यादव पर आरोप लगाया है कि उन्होंने प्रोविजनल बेल का दुरुपयोग किया है. जब भी बेल की बात आती थी तो लालू यादव अस्पताल में भर्ती हो जाते थे. इसलिए कोर्ट ने उनके प्रोविजनल बेल की अवधि को बढ़ाने से इनकार कर दिया है.

गौरतलब है कि पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र तेजस्वी यादव व अन्य के खिलाफ 2006 के आईआरसीटीसी होटल के ठेके से जुड़े धनशोधन के मामले में दाखिल आरोपपत्र पर अब 11 सितंबर को सुनवाई होगी. मामला आईआरसीटीसी के रांची और पुरी स्थित दो होटलों के रखरखाव का ठेका 2006 में एक निजी कंपनी को देने से जुड़ा है, जिसमें कथित तौर पर ठेके के बदले में रिश्वत के रूप में पटना के प्रमुख स्थान पर तीन एकड़ व्यावसायिक जमीन देने की बात कही गई है.

सभी आरोपियों पर धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अप्रैल में आईआरसीटी होटल रखरखाव ठेका मामले में 12 लोगों और दो कंपनियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था

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