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लालू को अभी एक सप्ताह करना होगा इंतजार

लालू को अभी एक सप्ताह करना होगा इंतजार

चारा घोटाले के चार मामलों में...Editor

चारा घोटाले के चार मामलों में सजायाफ्ता राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लिए शुक्रवार का दिन बेहद अहम रहा। गंभीर बीमारियों के बेहतर इलाज के लिए उनकी जमानत अर्जी पर रांची हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और लंबी चली बहस के बाद कोर्ट ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है और लालू को अभी एक सप्ताह और इंतजार करना होगा। बता दें कि देवघर, दुमका और चाईबासा मामले में लालू की तरफ से जमानत की अर्जी फाइल की गई थी ।

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस अपरेश सिंह की कोर्ट में लालू की पैरवी की। कोर्ट में डेढ़ घंटे तक बहस चली और कपिल सिब्बल ने कोर्ट में लालू का पक्ष रखा। उन्होंने लालू की जमानत की अवधि और उम्र का हवाला दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी कोर्ट के सामने पेश किया। अब कोर्ट में सीबीआइ अपनी दलील रखी और बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।

लालू यादव के बेल मामले पर उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा कि मुझे कोर्ट के फैसले पर विश्वास है। मेरे पिता निर्दोष हैं। उन्हें जल्द जमानत मिल जाएगी।

इधर, पटना में राबड़ी आवास पर भीड़भाड़ देखी जा रही है। राजद के नेता और कार्यकर्ता राबड़ी आवास पहुंचे हैं। राजद नेताओं को उम्मीद है कि उनके नेता को आज जमानत मिल जाएगी। तेजस्वी अभी घर में ही हैं, लेकिन वो कुछ देर में वरिष्ठ नेता तस्लीमुद्दीन की जयंती में शामिल होने के लिए अररिया निकलेंगे।

लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव राजद कार्यालय पहुंचे हैं जहां वे जनता दरबार में फरियादियों की गुहार सुनेंगे। उसके बाद वे फुलवारीशरीफ स्थित मस्जिद में दिन के 2.30 बजे चादरपोशी करने जाएंगे।

बता दें कि 21 दिसंबर को लालू की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई थी। लालू फिलहाल रांची के रिम्‍स (अस्‍पताल) में क्रॉनिक किडनी, हृदय, और डायबीटिज समेत करीब 11 गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे हैं।

उधर, लालू की जमानत को लेकर सियासी प्रतिक्रियाएं भी लगातार आ रहीं हैं।

हाईकोर्ट में दाखिल की जमानत याचिका

चारा घोटाला मामले में सजा पाए लालू प्रसाद यादव ने रांची हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है। इसमें लालू प्रसाद ने उम्र व बीमारी का हवाला दिया है। जमानत अर्जी में लालू ने बीमारियाें के बेहतर इलाज के लिए कोर्ट से जमानत मांगी थी। लालू प्रसाद ने सजा के विरोध में अपील भी की थी। जमानत के लिए उनकी पैरवी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने की।

याचिका पर सुनवाई शुरू

इसके पहले 21 दिसम्बर को लालू की जमानत अर्जी पर सुनवाई सीबीआइ के आग्रह पर टल गई थी। कोर्ट ने उस दिन सुनवाई के लिए चार जनवरी की तिथि मुकर्रर की। सीबीआइ ने लालू की जमानत का विरोध किया ।

राजद को उम्‍मीद, मिलेगी जमानत

लालू की जमानत को लेकर राजद व समथर्कों में उम्‍मीद है। राजद नेता रमई राम कहते हैं कि उन्‍हें न्‍यायिक प्रक्रिया पर विश्‍वास है। उम्‍मीद है कि जमानत हो जाएगी।

विरोधियों ने कही ये बात

लालू की जमानत को लेकर विरोधियों की सियासी प्रतिक्रियाएं भी मिल रहीं हैं। जदयू प्रवक्‍ता नीरज कुमार ने लालू के जमानत लेने की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही यह कहा हैकि इसपर फैसला देना कोर्ट का काम है। लोजपा संसदीय दल के नेता चिराग पासवान ने कहा कि लालू तो रांची से ही महागठबंधन चला रहे हैं, वे अंदर रहें या बाहर, क्‍या फर्क पड़ता है?

पहले मिल चुकी औपबंधिक जमानत

विदित हो कि दिसंबर 2017 से रांची के होटवार जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव को इलाज के लिए हाईकोर्ट से पहले भी औपबंधिक जमानत मिल चुकी है। बीते 27 अगस्त 2018 को हाईकोर्ट ने उनकी औपबंधिक जमानत को खारिज करते हुए 30 अगस्त 2018 को सरेंडर करने का आदेश दिया था। उस वक्‍त हाईकोर्ट ने कहा था कि लालू को सजायाफ्ता होने के कारण या तो जेल में होना चाहिए या फिर अस्‍पताल में।

इन मामलों में अभी तक नहीं मिली जमानत

लालू प्रसाद यादव की ओर से जमानत अर्जी दाखिल करने वाले उनके वकील प्रभात कुमार के अनुसार उनके मुवक्किल को चारा घोटाला के दुमका कोषागार, चाईबासा कोषागार और देवघर कोषागार के मामलों में जमानत नहीं मिली है। इन्‍हीं मामलों में जमानत मांगी गई है। देवघर कोषागार मामला (आरसी 64 ए/96) में लालू को छह जनवरी 2018 को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई। चाईबासा कोषागार मामला (आरसी 68 ए/96) में कोर्ट ने लालू को 24 जनवरी 2018 को पांच साल की सजा दी। दुमका कोषागार मामला (आरसी 38 ए/96) में 24 मार्च 2018 को लालू को सात-सात साल की सजा सुनाई गई।

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