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20 विधायकों के अयोग्य घोषित होते ही इन 6 संकटों में घिरी केजरीवाल सरकार

20 विधायकों के अयोग्य घोषित होते ही इन 6 संकटों में घिरी केजरीवाल सरकार

दिल्ली में चुनाव आयोग ने आज आम...Editor

दिल्ली में चुनाव आयोग ने आज आम आदमी पार्टी के ‌20 विधायकों को लाभ के पद का दोषी पाते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी है। इससे दिल्ली की केजरीवाल सरकार संकट में आ गई है। अगर राष्ट्रपति चुनाव आयोग के फैसले पर मुहर लगा देते हैं तो केजरीवाल सरकार को यह पांच बड़े नुकसान होना तय है-

1- इससे सबसे बड़ा नुकसान होगा अरविंद केजरीवाल की छवि को। साफ सुथरी छवि के माने जाने वाले दिल्ली के सीएम पर अब विपक्ष सीधा हमला कर सकता है क्योंकि इस बार उनके विधायकों पर गैरकानूनी ढंग से पद के दुरुपयोग का ना सिर्फ आरोप लगा है बल्कि वह साबित भी हो गया है।
2- 20 विधायकों की सदस्यता जाने से अब आप के 66 से घटकर 46 विधायक रह जाएंगे। जबकि दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 सीटें चाहिए। ऐसे में अगर विपक्षी पार्टी इनके दस और विधायकों को तोड़ने में सफल हो जाती है तो सरकार गिर भी सकती है।
3- अगर 6 महीने के अंदर उपचुनाव होते हैं तो विपक्षी पार्टियों को आम आदमी पार्टी पर यह आरोप लगाने का मौका ‌मिल जाएगा कि उन्होंने सत्ता का उपयोग अपने फायदे के लिए किया और जिन विधायकों को मंत्री नहीं बना सके उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए गैर कानूनी तरीका अपनाया।
4- केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है और राष्ट्रपति भी भाजपा द्वारा ही चुना गया है। ऐसे में अब आम आदमी पार्टी के पास बचने का रास्ता ना के बराबर है।
5- दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद ये माना जाता था कि पूरा विपक्ष एक कार में सवार होकर आ सकता है। इसका मतलब ये है कि दिल्ली में विपक्ष कितना कमजोर है। लेकिन अब 20 विधायकों की सदस्यता जाने के बाद उपचुनाव होने पर विपक्ष मजबूत हो सकता है।
6- विधायकों के अयोग्य घोषित हो जाने से पार्टी से बाहर किए गए या केजरीवाल के खिलाफ या पार्टी के अंदर पनप रहे भ्रष्टाचार पर आवाज बुलंद करने वालों के दावों को बल मिला है। आप के सदस्य रहे योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण समेत कुमार विश्वास और पार्टी से निकाले गए कपिल मिश्रा भी पार्टी के अंदर के भ्रष्टाचार पर आवाज बुलंद करते रहे हैं।

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