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फोन कंपनियों सरकार की मदद करने के लिए सामने आईं

फोन कंपनियों सरकार की मदद करने के लिए सामने आईं

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भारत और पाकिस्तान के बीच जिस तरह से तनाव का माहौल बढ़ता जा रहा है ऐसे में फोन कंपनियों सरकार की मदद करने के लिए सामने आईं हैं। टेलिकॉम कंपनियां सरकार की तरफ से संदिग्ध कॉल्स को ट्रैक करने और उन कॉल्स को मॉनिटर करने के आदेश का इंतजार कर रही हैं जो इंटरनेशनल लॉन्ग डिस्टेंस की होती हैं। आपको बता दें कि भारत-पाकिसतान सीमा पर उत्तर और उत्तर-पश्चिम राज्यों में हाई अलर्ट घोषित किया है। इसके साथ ही कंपनियां अपने नेटवर्क पर की जाने वाली सिक्योरिटी ड्रिल को भी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। हालांकि, अभी तक उन्हें सरकार से कोई विशिष्ट संकेत संकेत नहीं मिले हैं।

सेल्युलर ऑपरेटर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यूज ने बताया है कि अगर सरकारी एजेंसियों और सेना को टेलिकॉम प्रोवाइडर्स की आवश्यकता होगी तो इसमें पूरी तरह से गोपनियता बरती जाएगी। हर जानकारी केवल टेलिकॉम कंपनी में तय किए गए नोडल ऑफिसर को ही दी जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि नोडल ऑफिसर गोपनीयता की शर्तों से बंधे होते हैं। वहीं, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि टेलिकॉम कंपनियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कॉल इंटरसेप्ट करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें खास सर्कल में पुलिस या गृह मंत्रालय से निर्देश मिलने आवश्यक हैं।

DoT में सिक्योरिटी के पूर्व DDG राम नारायण ने कहा कि अगर माहौल बिगड़ता है तो सरकार उसे रोकने केल ए कुछ समय तक इंटरनेट बंद करने का निर्देश जारी कर सकती है। यह अधिकार सरकार के पास है। यही नहीं, सरकार टेलिकॉम कंपनियों को कॉल इंटरसेप्ट करने या चुनिंदा कॉल को टैप करने का भी निर्देश जारी कर सकती है। सरकार ऐसा खुफिया सूचनाओं के आधार पर कर सकती है। राम नारायण ने यह भी बताया कि ILD ऑपरेटर्स को भी भारत-पाक के बीच खुफिया सूचनाओं के आधार पर कॉल्स को मॉनिटर करने का निर्देश दिया जा सकता है।

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