Home > क्राइम > पीड़िता के पिता ने एडवोकेट दीपिका को सुनवाई से बेदखल करने की अर्जी दी

पीड़िता के पिता ने एडवोकेट दीपिका को सुनवाई से बेदखल करने की अर्जी दी

बहुचर्चित रसाना मामले में...Editor

बहुचर्चित रसाना मामले में बच्ची की कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में पीड़िता पिता ने पठानकोट में यह याचिका दायर की है कि अभियोजन पक्ष की वकील दीपिका रजावत मामले की पैरवी नहीं कर रही है, जिस कारण उन्हें इस पैरवी से बेदखल किया जाए। अदालत ने भी दीपिका रजावत को अपना पक्ष रखने के लिए बीस नवंबर में पेश होने में कहा है ताकि वह इस मामले में अपनी सफाई कोर्ट के समक्ष पेश कर सके।

बच्ची को गोद लेने वाले पिता ने यह अर्जी बुधवार को जिला एवं न्याय सत्र न्यायालय में दायर की जिसमें दीपिका रजावत के पास बेटी को न्याय दिलवाने के लिए समय हीं नहीं है। उन्होंने इस प्रकरण में अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार से सुरक्षा लेकर सरकारी आवास तक हासिल कर लिया, लेकिन मामले में पैरवी की बात हुई तो वह मात्र दो बार हीं कोर्ट में पेश हो सकी। जबकि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले की सुनवाई रोजाना हो रही है। बच्ची के हत्यारों को उनके अंजाम तक पहुंचने दिक्कत पेश आ रही है। याचिका में पीड़ित बच्ची के पिता ने कहा है कि दीपिका रजावत को पावर आफ अटार्नी दी थी जिसे उसे रद्द किया जाए।

दीपिका रजावत ने न्याय दिलवाने का मात्र ढोंग किया है। दीपिका को यदि जान का खतरा भी है तो जम्मू कश्मीर सरकार ने उन्हें पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध करवाई है। वहीं, दीपिका रजावत ने सोशल मीडिया में कहा है कि रोजाना मामले की सुनवाई के पठानकोट जा पाना कठिन है क्योंकि जम्मू उच्च न्यायालय में कई मामलों की सुनवाई के लिए पेश होना पड़ता है। मैं जम्मू में ही अकेले ही काम कर रही हूं, मेरे केसों को जम्मू में लड़ने के लिए और कोई वकील नहीं है। मेरा कई महत्वपूर्ण जम्मू कोर्ट में भी चल रहे है, रोजाना पठानकोट जाना मेरी के लिए मुमकिन नहीं है।

पठानकोट कोर्ट में चल रहा मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से कई पेशेवर वकील पैरवी कर रहे है और न्याय पालिका पर पूरा विश्वास है। उधर, आरोपितों के वकील चंदन शर्मा का कहना है कि दीपिका रजावत की अब पाेल खुल चुकी है। उसने वाह-वाहीं लूटने के लिए इस केस को हाथ में लिया था। कानूनी तौर पर यह केस उनसे ले लेना चाहिए। अगर दीपिका को जान का खतरा है उन्हें सरकार ने तमाम सुविधाएं दी है, तो उन्हें मामले की पैरवी करनी चाहिए थी।

लेहाजा राज्य सरकार को चाहिए कि उनके से तमाम सुविधाएं बच्ची के परिवार को न्याय दिलवाने के लिए दी गई थी को वापिस दिया जाए। बीस नवंबर को दीपिका रजावत को न्यायालय ने पेश होने को कहा है। विधित रहे कि जम्मू संभाग के रसाना गांव में नावालिग बच्ची का शव 17 जनवरी को बरामद हुआ था। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने इस मामले में सात लोगों को आरोपित बनाया है।

Tags:    
Share it
Top