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2 दिन, 3 पंक्तियां, जिनको ट्वीट कर सेना ने इशारों में बताई 'पराक्रम' की कहानी

2 दिन, 3 पंक्तियां, जिनको ट्वीट कर सेना ने इशारों में बताई पराक्रम की कहानी

भारतीय वायुसेना की सीमापार...Editor

भारतीय वायुसेना की सीमापार कार्रवाई को भारतीय सेना ने राष्‍ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियों के माध्‍यम से उकेरने की कोशिश की है. इसमें सबसे खास बात यह है कि पहली पंक्ति 25 जनवरी की शाम को ट्वीट की गई. दूसरी 26 जनवरी को सुबह तकरीबन साढ़े पांच बजे, जब वायुसेना बालकोट में आतंकी कैंपों को नष्‍ट कर चुकी थी. उसके 24 घंटे बाद 27 फरवरी की सुबह तीसरी पंक्ति को ट्वीट कर सेना हमारी सरहदों को महफूज करने का आश्‍वासन देती है. ये ट्वीट सेना के अतिरिक्त महानिदेशक, जन सूचना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए हैं.

350 आतंकी मारे गए

उल्‍लेखनीय है कि भारत ने मंगलवार को पौ फटने से पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें लगभग 350 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए. पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था. भारतीय वायुसेना का यह हमला अत्यंत त्वरित और सटीक था.

सूत्रों ने कहा कि हमला किसी सैन्य ठिकाने पर नहीं, केवल आतंकी ठिकाने पर किया गया और इसे ''हमलों को रोकने'' के उद्देश्य से ''ऐहतियात'' के तौर पर अंजाम दिया गया. उन्होंने कहा कि यह ठिकाना जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित था और पांच सितारा रिजॉर्ट शैली में बना था. इसके चलते यह ''आसान निशाना'' बन गया तथा आतंकवादियों को नींद में ही मौत के आगोश में सुला दिया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद अपनी पहली टिप्पणी में राजस्थान के चुरू में एक जनसभा में कहा, ''मैं देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि देश सुरक्षित हाथों में है. देश से ऊपर कुछ भी नहीं है.'' उन्होंने हालांकि हमले का सीधा जिक्र नहीं किया और न कोई ब्योरा दिया.

ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमलों का ब्योरा देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ठोस खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा हमले के बाद भारत में अन्य आत्मघाती हमलों की योजना बना रहा है. बारह दिन पहले पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.

गोखले ने पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''ठोस खुफिया सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य आत्मघाती हमले की योजना बना रहा है और इस उद्देश्य के लिए फिदायीन जिहादी तैयार किए जा रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि इसलिए यह हमला अत्यंत आवश्यक हो गया था. गोखले ने कहा, ''खुफिया जानकारी के आधार पर आज तड़के चलाए गए अभियान में भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के बालाकोट स्थित सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया.'' उन्होंने कहा कि शिविर बालाकोट में स्थित था, लेकिन उन्होंने इसके बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया.

सूत्रों ने कहा कि संदर्भ पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित शहर का था जो नियंत्रण रेखा से करीब 80 किलोमीटर दूर और ऐबटाबाद के नजदीक स्थित है जहां अमेरिकी बलों ने अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को ढेर किया था. गोखले ने इस बारे में भी ब्योरा नहीं दिया कि हमले किस तरह किए गए, लेकिन सूत्रों ने बताया कि बम गिराने के लिए मिराज 2000 जेट विमानों के बेड़े का इस्तेमाल किया गया जिनमें अन्य विमान भी शामिल थे. वर्ष 1971 के युद्ध के बाद यह पहली बार है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी हवाई शक्ति का इस्तेमाल किया है.

सूत्रों ने बताया कि भारत को खुफिया सूचना मिली थी कि जैश ए मोहम्मद ने अनेक प्रशिक्षु आतंकवादियों, उनके प्रशिक्षकों और इससे जुड़े अन्य लोगों को बालाकोट शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित शिविर में भेज दिया है जहां 500 से 700 लोग ठहर सकते हैं. शिविर में एक स्विमिंग पूल भी है. उन्होंने कहा कि पूरे तालमेल के साथ चलाए गए अभियान में लड़ाकू और अन्य विमानों ने पश्चिमी और मध्य कमानों के तहत आने वाले विभिन्न वायुसेना स्टेशनों से लगभग एक ही समय पर उड़ान भरी जिससे पाकिस्तान रक्षा अधिकारी यह समझने में भ्रम के शिकार हो गए कि ये विमान कहां जा रहे हैं. विमानों का एक समूह बेड़े से अलग होकर बालाकोट की ओर चला गया जहां ''सोते हुए आतंकवादी भारत की बमबारी का आसान निशाना बन गए.''

माना जाता है कि समूचे अभियान में 20 मिनट से अधिक का समय लगा जिसकी शुरुआत तड़के 3.45 पर हुई और जो 4.05 बजे तक चला. गोखले ने कहा, ''इस अभियान में जैश-ए-मोहम्मद के बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक और वरिष्ठ कमांडर मारे गए और जिहादियों के समूह नष्ट हो गए जिन्हें फिदायीन हमलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा था.'' उन्होंने कहा कि इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि हमले में किसी आम नागरिक की जान न जाए. सूत्रों ने बताया कि शिविर में कम से कम 325 आतंकवादी और 25 से 27 प्रशिक्षक थे.

इससे पहले, भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि मिराज-2000 जेट विमानों ने बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर सुनियोजित हमला कर बम गिराए और उन्हें नष्ट कर दिया. पाकिस्तान के विदेश सचिव शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर ''हमला'' किया है और इस्लामाबाद को ''जवाब देने का अधिकार'' है.

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