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नहाने लायक होगा खान नदी का पानी

नहाने लायक होगा खान नदी का पानी

कभी शहर की जीवन रेखा रही खान...Editor

कभी शहर की जीवन रेखा रही खान नदी का सौंदर्य वापस लौटाने की पहल की जा रही है। 3 साल की कार्ययोजना बना कर एकीकृत प्लान बनाया गया है। जिसमें 11 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) बना कर सीवरेज के पानी को साफ किया जाएगा। इस पानी को खान नदी में छोड़ा जाएगा। यह पानी बी ग्रेड का होगा, जिससे लोग नहा भी सकेंगे। इसमें से पांच स्थानों पर प्लांट का काम शुरू हो चुका है। सेकंड फेज का पैसा आने पर 6 अन्य स्थानों पर एसटीपी बनाए जाएंगे।

जानकारी के मुताबिक नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और वन विभाग के द्वारा मिल कर एक एक्शन प्लान बनाया गया है। इसे गुरुवार को होने वाली खान नदी पुनरुद्धार समिति की बैठक में रखा जाएगा। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर लोकश जाटव करेंगे। सूत्रों के मुताबिक खान नदी के लिए जो एक्शन प्लान बनाया गया है, उसमें नदी में मिलने वाली सीवरेज को रोका जाएगा। इसके लिए शहर में 11 स्थान पर अलग-अलग क्षमताओं के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। इसमें सीवरेज को साफ कर फिर से नदी में पानी छोड़ा जाएगा।

इसमें सभी विभाग मिल कर काम करेंगे। जानकारी के मुताबिक 1 से 3 साल की योजना बनाई गई है, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा नगर निगम का होगा। इसके अलावा घाटों का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। ट्रीटमेंट प्लांट बनने के साथ ही खान नदी के किनारों पर पेड़ लगाने का काम भी होगा। ट्रीटमेंट प्लांट में सीवरेज लाने के लिए पाइप लाइन डाली जाएगी। इसके लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है। अभी नहर भंडारा, हुकमाखेड़ी, चिड़ियाघर, प्रतीक सेतु और शक्कर खेड़ी में प्लांट का काम चालू है।

6 बड़े नालों का पानी मिलता है खान में : खान नदी में 6 बड़े नालों का पानी मिलता है, जिसमें खजराना-भमोरी नाला, शकरखेड़ी नाला, पिलियाखाल नाला, पलासिया नाला, आजाद नगर नाला, तुलसी नगर नाला शामिल है। इनके पानी को अगर साफ कर दिया जाए तो खान नदी में साफ पानी बह सकता है।

यह होता है नहाने लायक पानी : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तय पैमानों के अनुसार बी ग्रेड पानी में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा 5 मिलीग्राम से अधिक और टोटल कोलीफॉर्म की मात्रा 500 से कम होनी चाहिए। अभी नगर निगम द्वारा कबीटखेड़ी में दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को साफ किया जा रहा है। यह पानी आगे जाकर शिप्रा में मिलता है, जबकि इस पानी का नगर निगम द्वारा कंस्ट्रक्शन और पौधों में डालने के लिए उपयोग में किया जाता है।

यह है प्लान : सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने इस बार नदी को साफ करने के लिए पुख्ता योजना बनाई है। इन 11 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक सीवेज लाने के लिए पाइप लाइन बिछाने की भी योजना है। अकेले बिलावली और पिपल्यापाला क्षेत्र में 68 कॉलोनियों का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक लाने के लिए 181 किमी तक का सीवरेज नेटवर्क बनाया जाएगा। जिसकी लागत ही 183 करोड़ रुपए है। इसके अलावा सभी ट्रीटमेंट प्लांट के लिए अलग-अलग सीवरेज नेटवर्क बनाया जाएगा ताकि किसी प्रकार से भी गंदा पानी नदी में नहीं आ सके।

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