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आलोक वर्मा पर चलेगा आपराधिक मामला, कहा- झूठे, तुच्छ आरोपों पर हुआ तबादला

आलोक वर्मा पर चलेगा आपराधिक मामला, कहा- झूठे, तुच्छ आरोपों पर हुआ तबादला

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी)...Editor

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने अपनी जांच रिपोर्ट में सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की है। मोइन कुरैशी मामले में उनके आचरण को संदिग्ध करार दिया गया है। यह बात मामले से संबंधित एक अधिकारी ने बताई। मुख्य सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी और दो सतर्कता आयुक्त शरद कुमार और टीएम भसीन का कहना है कि उन्होंने एजेंसी में दागी अधिकारियों के खिलाफ आईं रिपोर्ट के बावजूद उन्हें शामिल करने की कोशिश की।

अधिकारी ने कहा कि सतर्कता आयुक्त शरद कुमार ने पीएम के नेतृत्व वाले चयन पैनल को बुधवार को सतर्कता आयोग द्वारा की गई जांच के बारे में बताया। मुख्य जांच रिपोर्ट 60 पन्नों की है जिसमें

200 एनेक्स पेज हैं। रिपोर्ट में वर्मा के खिलाफ 10 आरोप लगाए गए हैं जिसमें से पांच में वह संदिग्ध पाए गए, दो में आगे जांच की जरुरत है और तीन में वह सही साबित नहीं हुए।

वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए वर्मा ने गुरुवार रात को एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि एक प्रमुख जांच एजेंसी होने के नाते सीबीआई भ्रष्टाचार से निपटती है, इस संस्थान की स्वतंत्रता को संरक्षित और सुरक्षित रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'संस्था को बिना बाहरी प्रभाव के काम करना चाहिए। मैंने संस्थान की अखंडता को बनाए रखने के प्रयास किए जबकि उसे बर्बाद करने की कोशिशे हुईं। इसे केंद्र सरकार और सीवीसी के 23 अक्तूबर, 2018 को दिए आदेश से देखा जा सकता है जो अधिकार क्षेत्र के बिना थे।'

वर्मा ने कहा कि यह दुखद है कि उनका समिति के आदेश पर किसी दूसरी पद पर तबादला कर दिया गया। वह भी उस एक व्यक्ति द्वारा लगाए गए झूठे, निराधार और तुच्छ आरोप लगाकर जो उनका विरोधी था। इसी बीच गुरुवार को जारी हुए सरकारी आदेश के अनुसार, 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी को गृह मंत्रालय के तहत अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स का निदेशक नियुक्त किया गया है। सीबीआई निदेशक का प्रभार फिलहाल अतिरिक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव के पास है। सीबीआई निदेशक की जिम्मेदारी अतिरिक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को सौंप दी गई है।

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और न्यायमूर्ति एके सीकरी हैं। न्यायमूर्ति सीकरी को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया है। वर्मा ने कहा कि समिति को सीबीआई निदेशक के तौर पर उनके भविष्य की रणनीति तय करने का काम सौंपा गया था। वर्मा ने कहा, 'मैं संस्था की ईमानदारी के लिए खड़ा रहा और यदि मुझसे फिर पूछा जाए तो मैं विधि का शासन बनाए रखने के लिए दोबारा ऐसा ही करूंगा।'

जबरन छुट्टी पर भेजे जाने के 77 दिन बाद वर्मा बुधवार को अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। एजीएमयूटी काडर के आईपीएस अधिकारी वर्मा बुधवार को सुबह करीब 10 बजकर 40 मिनट पर सीबीआई मुख्यालय पहुंचे। उच्चतम न्यायालय ने वर्मा को छुट्टी पर भेजने के विवादास्पद सरकारी आदेश को मंगलवार को रद्द कर दिया था। वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना दोनों को सरकार ने 23 अक्टूबर, 2018 की देर शाम जबरन छुट्टी पर भेज दिया था और उनके सारे अधिकार ले लिये थे। अधिकारियों के अनुसार सीबीआई मुख्यालय पहुंचने पर वर्मा का राव ने स्वागत किया।

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