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10,000 दलित कर्मचारियों को होना है डिमोट, चुनाव के चलते कांग्रेस के लिए इधर कुआं, उधर खाई

10,000 दलित कर्मचारियों को होना है डिमोट, चुनाव के चलते कांग्रेस के लिए इधर कुआं, उधर खाई

यूपी चुनावों के बीच ही...Public Khabar

यूपी चुनावों के बीच ही कांग्रेस के लिए एक अजीब सी स्थिति पैदा हो गई है। कांग्रेस पर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के चलते दलित विरोधी साबित होने का खतरा मंडरा रहा है।
हाल है में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रमोशन में में मिलने वाले रिजर्वेशन का कोटा खत्म करने से कर्नाटक में दस हजार सरकारी कर्मचारियों पर डिमोशन की तलवार लटकी हुई है।

इस बीच 2018 में होने वाले विधान सभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस पसोपेश में है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के इस ऑर्डर को चुनौती देने की कोशिश जारी है।

इस मसले पर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस के एक सीनियर मंत्री ने कहा, 'यह बेहद संवेदनशील मामला है। यदि हम लोग दलितों के साथ खड़े नहीं हुए तो हमपर दलित-विरोधी होने का आरोप लग जाएगा।

इसका 2018 के चुनावों पर काफी असर पड़ सकता है। लेकिन वहीं अगर हम लोग दलितों के साथ खड़े होते हैं को अगड़ी और ऊंची जाति के लोग हमें शक की निगाह से देखेंगे।'

मामले पर अभी आखिरी फैसला नहीं लिया गया है। कानून और संसदीय मामलों के मंत्री टी बी जयचंद्र ने जानकारी दी कि अभी सरकार अकाउंटेंट जनरल (एजी) से बात कर रही है कि क्या किया जा सकता है।

बीती 9 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि 1978 से अबतक जिन एससी/एसटी कर्मचारियों को मिला प्रमोशन आरक्षण को ध्यान में रखकर दिया गया था उसको खत्म कर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने उन लोगों को डिमोट करने के लिए तीन महीने का वक्त भी दिया था। सरकार इसी वक्त में अपनी तरफ से कोई अपील कर सकती है।

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