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आखिर साथ आ ही गए #Akhilesh और #RahulGandhi, चुनावों के लिए

आखिर साथ आ ही गए #Akhilesh और #RahulGandhi, चुनावों के लिए

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस...Anurag


समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन के बाद रविवार को पहली बार अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने एक साथ प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की। होटल ताज में हुई इस कॉन्‍फ्रेंस में उनके साथ यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर भी मौजूद हैं। कॉन्फ्रेंस में राहुल ने अखिलेश को अलायंस का सीएम कैंडिडेट घोषित किया।
क्या कहा राहुल ने
* मैं और अखिलेश एक दूसरे को जानते हैं, हम मिलकर काम करेंगे और यूपी का विकास करेंगे।
* मैंने कहा था अखिलेश अच्छा लड़का है, पर उसे काम नहीं करने दिया जा रहा है।
* कुछ लोग विकास की राजनीति को विरोधी रोकना चाहते हैं, इसलिए हमने हाथ मिलाया है ताकि हम मिलकर लड़ाई लड़ सकें।
* हम नफरत की राजनीति को रोकना चाहते हैं। हम चुनाव प्रचार कैसे करेंगे, हमारी प्लानिंग क्या होगी, ये अभी नहीं बताएंगे।
* यूपी बड़ा प्रदेश है यहां से प्रधानमंत्री निकलकर जाते हैं।
* उत्तर प्रदेश शब्द में पहला शब्द उत्तर है। ये जो हमारी पार्टनरशिप बनी है। अखिलेश-मेरी, समाजवादी पार्टी- कांग्रेस और जनता की। ये जवाब है।
* 1857 में जब इस देश में कंपनी राज था, जब यूपी की प्रोग्रेसिव फोर्सेज मिलीं और जवाब दिया।
* अखिलेश के साथ मेरा पर्सनल रिलेशनशिप भी है। मैं खुशी से कह रहा हू्ं ये अब पॉलिटिकल रिलेशन में बदल गया है।
* मोदी जी के शब्दों में ये ट्रिपल पी है। इस गठबंधन से तरक्की होगी, भाईचारा बढ़ेगा और यूपी विकास की राह पर आगे बढ़ेगा।

अखिलेश भी बोले

* हमारे निजी रिश्ते पहले से ही थे और अब राजनीति में भी हम जुड़ गए हैं।
* हम दो पहिएं हैं, हमारी उम्र में भी ज्यादा फर्क नहीं है।
* हम इस गठबंधन के जरिए हम पिपल एलाइंस बनकर उभर आएंगे।
* अखिलेश ने दोनों पार्टियों के मिलन को गंगा यमुना का मिलन कहा।
* ये एक ऐतिहासिक गठबंधन है, सपा और कांग्रेस मिलकर विरोधियों को करारा जवाब देंगे।
* हाथ के साथ साइकिल हो और साइकिल के साथ हाथ हो, तो सोचिए रफ्तार क्या होगी।
* कांग्रेस नेता राहुल गांधी का मैं स्वागत करता हूं। लोकसभा में हम साथ-साथ रहे। कई बार कार्यक्रमों मेें मिलने का मौका मिला।
* हम लोग एक-दूसरे को जानते हैं। खुशी की बात ये है कि अब साथ काम करने का मौका मिलेगा।
* एक तरह से देखा जाए तो गंगा और यमुना का मिलन हो रहा है। प्रगति की सरस्वती यहां मिल रही है।
* हम क्रोध की, गुस्से की, बांटने की राजनीति का जवाब दे रहे हैं।

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