यहां बच्चों को नहीं कुत्तों को नसीब होता है थाली में मिड-डे मील
- In देश 23 Feb 2017 8:09 PM GMT
सवाई माधोपुर. सरकारी स्कूलों की मिड -डे मील योजना कितनी सफल रही है, इसकी बानगी आए दिन मिलने वाली खबरें देती हैं।
सरकार द्वारा स्कूलों में चलाई जा रही मिड डे मील योजना पर पहले भी सवाल खड़े होते रहे हैं लेकिन इस व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश अब तक नहीं की गई है।
ताजा मामला राजस्थान के सवाई माधोपुर का है। यहां गांव में स्कूलों का हाल ये है कि देखकर भी रोना आता है। स्थिति ये है कि कोई इसकी सूध लेने वाला नहीं है। शासन-प्रशासन सब कान में रुई डालकर बैठे हैं। हद तो तब हो गई जब यहां के शिक्षा मंत्री मिड डे मील की अव्यवस्था को नजरअंदाज करके इतिहास की बहस में भिड़ गए।
इससे साफ होता है कि प्रदेश सरकार नौनिहालों का भविष्य और उनकी सेहत को लेकर गंभीर नहीं है। यहां के स्कूलों में मिलने वाले मिड डे मील को कुत्ते खा रहे हैं। इससे इतर स्कूलों में बाउंड्री नहीं है, जिससे आवारा कुत्ते स्कूलों में दाखिल होकर खाना खा रहे हैं। यह मामला सवाई माधोपुर के खाट कलां सरकारी स्कूल का है। इस स्कूल में चारो तरफ नाम मात्र की बाउन्ड्री है जिस कारण कुत्ते बेरोक-टोक स्कूल में घुस जाते हैं।