अगर आप करते हैं ये काम तो आपकी जान को निश्चित खतरा है
- In देश 25 Feb 2017 4:53 AM GMT
पुणे. भागदौड़ भरी इस जिंदगी में...Public Khabar
पुणे. भागदौड़ भरी इस जिंदगी में समय के अभाव के चलते हम अक्सर किसी समोसे व कचौरी के ठेले पर ठहरकर कचौड़ी का खाने लगते हैं। लेकिन कभी सोचा है कि हमारी यह आदत हमें मौत के मुंह में धकेल रही है?
हम भूख के आगे बेबस खाते वक्त भूल जाते है कि दुकानदार द्वारा अखबार के टुकड़े पर परोसी गई कचौड़ी व समोसा हमारे लिए स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक हो सकता है।
लेकिन अब बिना देर किए आपको अपनी इस आदत को बदलने का वक्त आ गया है। इसको लेकर पुणे कैंटोनमेंट बोर्ड की तरफ से एक विज्ञापन जारी किया गया है।
जारी किए गए विज्ञापन में बताया गया है कि अखबारों की छपाई में इस्तेमाल होने वाला इंक मानव शरीर के लिए बेहद ही खतरनाक होता है। एफएसएसएआई ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों से कहा है कि वे इस बारे में लोगों को जागरुक करें।
न्यूजपेपर पर इंक को पिघलाने के लिये रासायनिक विलायकों को इस्तेमाल किया जाता है। यह स्याही और सॉल्वेंट्स जैसे-ग्रेफाइट बड़ी आसानी से भोजन में पहुंच सकते हैं और आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
इनकी वजह से फ़ेफड़े और किडनी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अखबार पर उपस्थित सॉल्वेंट्स भी पाचन समस्याओं को जन्म दे सकते हैं और हॉर्मोन को बाधित करने के अलावा कैंसर का कारण बन सकते हैं।
पुणे केंटोनबोर्ड ने एक पब्लिक नोटिस जारी करते हुए कहा है कि किसी भी तरह के खाने-पीने का सामान खासकर तला भुना जो न्यूजपेपर में पैक किया गया हो बिल्कुल ना खरीदें।
एफएसएसएआई यानि भारतीय खाद्य संरक्षा एंव मानक प्राधिकरण के मुताबिक तले भुने सामान को अखबार की पैकिंग में खाना शरीर के लिए बेहद खतरनाक है। अखबार की स्याही में बहुत खतरनाक रसायन होते हैं जो शरीर में समस्याएं पैदा कर सकते हैं।