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हिमाचल चुनाव त्वरित टिप्पणी: भाजपा के वीआईपी नेताओं को हिमाचल ने नकारा

हिमाचल चुनाव त्वरित टिप्पणी: भाजपा के वीआईपी नेताओं को हिमाचल ने नकारा

हिमाचल की जनता ने भाजपा को...Editor

हिमाचल की जनता ने भाजपा को बेशक सत्ता का ताज सौंपा है। मगर भाजपा के वीआईपी उम्मीदवारों को उसने नकार दिया है। सूबे में मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए हैं। धूमल को हार उन्हीं के पुराने राजनीतिक चेले राजेन्द्र राणा ने दी है। सुजानपुर की जनता ने सीएम उम्मीदवार की बजाए स्थानीय बेटे का साथ दिया है। धूमल को अपनी सीट बदलना भारी पड़ गया। भाजपा ने उन्हें हमीरपुर की बजाए सुजानपुर से उम्मीदवार बनाया था। पहले सुजानपुर से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी जयराम ठाकुर को भाजपा ने धूमल के गृह क्षेत्र हमीरपुर से उम्मीदवार बनाया। धूमल का नाम जपकर ठाकुर हमीरपुर से चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। लेकिन धूमल का सपना अधूरा रह गया है।

सती भी हारे, प्रदेश अध्यक्ष हैं सती
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सती भी ऊना से चुनाव हार गए हैं। सतपाल सती को उन्हीं के हमनाम सतपाल रायजादा ने चुनाव हराया है। रायजादा कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हैं। सती को प्रेम कुमार धूमल का करीबी माना जाता है। सती के अलावा भाजपा के कई और बड़े चेहरे हारे हैं जो धूमल के करीबी माने जाते हैं। देहरा से पांच बार के विधायक रविन्द्र रवि चुनाव हार गए हैं। यहां से निर्दलीय उम्मीदवार होशियार सिंह चुनाव जीते हैं। होशियार मुम्बई में उद्योगपति हैं। इस बार उन्होंने आकर यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ा है। इसके अलावा जोगिंदर नगर सीट से एक अन्य उधोगपति की जीत हुई है। प्रकाश राणा बतौर निर्दलीय जीते हैं। इनका दुबई में कारोबार है। इन्होंने भाजपा उम्मीदवार को चुनाव हराया है। यहां के भाजपा उम्मीदवार भी धूमल के रिश्तेदार हैं।
अनिल शर्मा की हुई जीत
कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री के पुत्र अनिल शर्मा मंडी से चुनाव जीत गए हैं। उनकी जीत उन्हें सरकार में अहम जिम्मेदारी दिला सकती है। अनिल शर्मा ने वीरभद्र का विकल्प बनने की कोशिश में जुटे नेता कौल सिंह की बेटी चंपा को चुनाव हराया है। इसके अलावा पालम पुर से भाजपा की हाई प्रोफाइल उम्मीदवार इंदू गोस्वामी चुनाव हार रही हैं। यहां से उनकी उम्मीदवारी का विरोध हुआ था।
कांग्रेस के बड़े चेहरे जीते, वीरभद्र और उनके बेटे को मिली जीत
हिमाचल की जनता ने कांग्रेस को बेशक सत्ता से बेदखल किया है। मगर पार्टी के बड़े चेहरे चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। अर्की से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा के सतपाल सिंह को हराया है। तो शिमला ग्रामीण से उनके पुत्र विक्रमादित्य अपना पहला विधानसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। वीरभद्र की साख इस सीट से जुड़ी हुई थी। इसके अलावा नगरोटा सीट से राज्य सरकार के कद्दावर मंत्री जीएस बाली भी चुनाव जीत गए हैं। बाली को वीरभद्र का विरोधी माना जाता है। यहां उनकी जीत के लिए खुद राहुल गांधी ने रैली संबोधित किया था। हालांकि धर्मशाला से कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं मंत्री सुधीर शर्मा चुनाव हार गए हैं। उन्हें भाजपा के कपूर ने चुनाव हराया है। कपूर भाजपा नेता शांता कुमार के करीबी माने जाते हैं।

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