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आरोग्य रहने के लिए करें रथ सप्तमी व्रत

आरोग्य रहने के लिए करें रथ सप्तमी व्रत

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आप सभी को बता दें कि इस बार 12 फरवरी को रथ सप्तमी व्रत रखा जाना है. कहते हैं इस व्रत को रखने से निरोगी काया। मिलती है. जी हाँ, आप सभी को बता दें कि रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी भी कहा जाता है और इसे रखने से व्यक्ति को कभी कोई बिमारी नहीं होती है. ऐसे में इस दिन को भगवान सूर्यदेव को समर्पित व्रत माना जाता है. इसे आरोग्य सप्तमी और अचला सप्तमी भी कहते हैं. वहीं माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन आने वाले इस व्रत को करने से जातक को शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है और लंबी आयु प्राप्त होना शुरू हो जाती है इस कारण से अगर आप भी रोगों से छुटकारा और आयु ज्यादा पाना चाहते हैं तो 12 फरवरी को आ रहे रथ सप्तमी व्रत को कर सकते हैं.

आइए बताते हैं कैसे करें रथ सप्तमी व्रत - रथ सप्तमी व्रत करने के लिए व्यक्ति को सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि दैनिक कार्यों से निवृत्त होना है और स्नान करने के बाद साफ श्वेत वस्त्र धारण करके ठीक सूर्योदय के समय तांबे या चांदी के कलश से सूर्यदेव को 12 बार अर्घ्य देना है. अब अर्घ्य के समय सूर्यदेव के 12 नामों का स्मरण करें और हाथ जोड़ने की मुद्रा में अर्घ्य देते हुए जल की धार के मध्य में से सूर्यदेव को देखने का प्रयास करें.

इसके बाद 12 अर्घ्य पूर्ण हो जाने के पश्चात सूर्यदेव को लाल पुष्प अर्पित करें, कर्पूर से आरती करें और कई जगह घरों के मुख्य दरवाजे के समीप महिलाएं गोबर से लीपकर रंगोली से भगवान सूर्यदेव के सात घोड़ों वाले रथ का चित्र बनाती है और उसकी पूजा करती है. इसके बाद भगवान सूर्यदेव को गाय के दूध और चावल से बनी खीर का भोग लगा दें और एक समय भोजन करें वहीं भोजन में नमक का सेवन बिलकुल नहीं करें और शाम को खीर खाए.

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