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उत्तराखंड में डरा रही बारिश, भूस्खलन से बार-बार बंद हो रही सड़कें

उत्तराखंड में डरा रही बारिश, भूस्खलन से बार-बार बंद हो रही सड़कें

उत्तराखंड में मौसम के तेबर अब...Editor

उत्तराखंड में मौसम के तेबर अब लोगों को डराने लगे हैं। हर दिन हो रही बारिश से सबसे ज्यादा परेशानी चारधाम यात्रा मार्ग पर हो रही है। यहां सड़कें बार-बार बंद होने और खुलने का सिलसिला जारी है। वहीं, मौसम विभाग ने सोमवार तक उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

पिछले दस दिन के भीतर चमोली, उत्तरकाशी के साथ ही पिथौरागढ़ में बादल फटने की घटनाओं से अब प्रदेश के लोग डरे हुए हैं। वहीं, देहरादून में बारिश के दौरान नदियों में उफान और सड़कों के जलमग्न होने से लोगों की परेशानी बढ़ रही है। ऐसी घटनाओं के मद्देनजर मौसम विभाग बार-बार अलर्ट जारी कर रहा है।

शनिवार की सुबह कुछ राहत जरूर लेकर आई। अधिकांश स्थानों में बारिश थम गई। वहीं, आसमान में कहीं बादल हैं तो कहीं आसमान साफ है। इसके बावजूद मौसम विभाग का अनुमान है कि अभी तीन दिन तक उत्तराखंड में भारी बारिश होगी। इसके लिए नदियों के तटवर्ती इलाकों के साथ ही सभी जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।

बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ के पास सुबह फिर से बंद हो गया था। इसे बाद में खोल दिया गया। हेमकुंड यात्रा सुचारु है। रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा भी सुचारु है। जिले में कई स्थानों पर बारिश थमी है तो कहीं हल्की बारिश का दौर जारी है।

जिले में सुबह फिलहाल बारिश थम गई, लेकिन मुसीबत कम नहीं हुई। गंगोत्री हाईवे धरासू बैंड के पास भूस्खलन से दो घंटे बंद रहा। वहीं अभी थिरांग के पास यह सड़क बंद है। यमुनोत्री राजमार्ग डाबरकोट के पास सड़क पर लगातार गिर रहे पत्थरों के कारण फिर से बंद हो गया। कुमाऊं मंडल के अधिकांश जनपदों में भी आसमान में बादल छाए हैं।

42 फीसद कम हुई दून में बारिश


माससून सीजन के बीच दून में इस सप्ताह 42 फीसद बारिश कम हुई। जो चिंता का विषय है। पहले ही शहर बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण की मार झेल रहा है। ऊपर से मानसून की बारिश भी कम हो रही है, जिससे मौसम विशेषज्ञ चिंतित हैं।

12 से 19 जुलाई के बीच देहरादून में सामान्य बारिश 165.6 मिलीमीटर होती है। जबकि इस अवधि में केवल 96.3 मिलीमीटर बारिश हुई। कुछ क्षेत्रों में तो यह आंकड़ा और भी कम है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि माससून के पीक सीजन में सामान्य से कम बारिश चिंता का विषय है

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