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उत्तराखंड: गढ़वाल और कुमाऊं के जंगलों में आग लगने से मचा हाहाकार, कई हेक्टर वन संपदा खाक

उत्तराखंड: गढ़वाल और कुमाऊं के जंगलों में आग लगने से मचा हाहाकार, कई हेक्टर वन संपदा खाक

गर्मी का प्रकोप बढ़ने के साथ...Editor

गर्मी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के जंगल धधकने लगे हैं। गढ़वाल और कुमाऊं के जंगलों में आग लगने से वन संपदा खाक हो गई है।


पौड़ी जिले में गढ़वाल वन प्रभाग का 70 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र जल कर राख हो चुका है। प्रदेश के वन मंत्री के गांव श्रीकोट गंगानाली का जंगल भी आग की भेंट चढ़ गया है। रविवार को जंगल की आग श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के कैंपस तक पहुंच गई। कॉलेज के आवासीय परिसर में रह रहे शिक्षकों और विभागों की टीम ने किसी तरह आग पर काबू पाया।

श्रीनगर में शनिवार शाम अलकनंदा घाटी के चारों ओर के जंगल आग में घिरे दिखाई दिए। वन विभाग तीन दिन से श्रीकोट, सरणा, डांग, ऐठाणा के जंगलों में लगी आग पर काबू नहीं पा सका। वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत की ग्राम पंचायत श्रीकोट गंगानाली का जंगल भी आग की भेंट चढ़ गया। कीर्तिनगर तहसील के जैधार-महेंद्रधार के समीप और अर्जुन पर्वत समेत अन्य क्षेत्रों में भी जंगल आग की चपेट में हैं। इधर, सिविल सोयम श्रीनगर के रेंज अधिकारी आरएस नेगी ने बताया कि श्रीकोट गंगानाली में लगी आग पर काबू पा लिया गया है। टीम शनिवार रात 12 बजे तक आग बुझाती रही।
मंडल मुख्यालय पौड़ी सहित आसपास क्षेत्र के बाजारों में धुंध छाई

पाबौ में आग से मंडल मुख्यालय पौड़ी सहित आसपास क्षेत्र के बाजारों में धुंध छाई हुई है। चिपलघाट, नौठा, भरसार, कलगडी, दमदेवल एवं जोड़पाणी के किनारे जंगल आग से धधक रहे हैं। आग पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो समीपवर्ती गांव इसकी चपेट में आ सकते हैं। जंगली जानवर भी आग से बचने के लिए गांव की तरफ आ रहे हैं। इससे उनके अवैध शिकार का भी खतरा बना है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गढ़वाल वन प्रभाग में 43 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं, जिनमें 321 फायर वाचरों की तैनाती की गई है। आग पर काबू के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

कमिश्नर ने वन विभाग के प्रयासों को नाकाफी बताया
पौड़ी में गढ़वाल मंडल आयुक्त दिलीप जावलकर ने भी वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है। वन विभाग की ओर से वनाग्नि पर काबू पाने के लिए अब तक किए गए प्रयासों को नाकाफी बताते हुए कमिश्नर ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि जंगल की आग पर काबू के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। इसके लिए जनसहभागिता के आधार पर कार्य किया जाए।

सुलग रहे गंगा-यमुना घाटी के जंगल
उत्तरकाशी में गंगा-यमुना घाटी के जंगल भी आग से सुलग रहे हैं। जिलाधिकारी के आदेशों के बाद वनकर्मी मौके पर पहुंचकर दावानल पर काबू पाने के लिए जुट गए हैं। शनिवार रात गंगोत्री हाईवे स्थित पोखू देवता मंदिर के निकट लगी आग बुझाने के लिए भी वन विभाग को डीएम के आदेशों का इंतजार करना पड़ा। हालांकि रविवार को मुस्तैदी दिखाते हुए वन विभाग ने अपने कर्मचारियों को आग बुझाने के लिए मौके पर भेजा, जिसके बाद मशाल गांव के जंगलों में लगी आग पर काबू पा लिया गया। मुखेम रेंज के वनों में लगी आग पर काबू पाया जा रहा है।

तीन दिन से जल रहे उत्तरकाशी के जंगल

कौसानी, कांडाधार के जंगल में लगी आग
कुमाऊं के बागेश्वर जिले में इस साल फायर सीजन से पहले से ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया था। बीच में लगातार बारिश होने से कुछ राहत मिली मगर अब एक बार फिर जंगल धधकने लगे हैं। चीड़ के जंगलों में आग लगने की सबसे अधिक घटनाएं हो रही हैं। रविवार को कौसानी और बागेश्वर नगर से सटे कांडाधार के जंगल में आग लग गई।

कांडाधार में जंगल से धुआं उठते देख वन विभाग के कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। इसके अलावा कांडा, काफलीगैर, कपकोट सहित जिले के तमाम जंगल आग की चपेट में हैं।

कौसानी में पर्यटन सीजन पीक पर है और जंगलों में लगी आग के कारण हिमालय के दशर्न नहीं हो पा रहे है जिस कारण पर्यटकों को मायूस होना पड़ रहा है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। वनों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए ग्रामीणों से सहयोग मांगा जा रहा है।
वनों की आग रोकने को 4.50 करोड़ का बजट जारी

शासन ने जंगल की आग पर काबू पाने के लिए चार करोड़ पचास लाख का बजट जारी कर दिया है। वहीं, तापमान बढ़ने पर जंगल में आग की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। इस सीजन में अब तक प्रदेश में 652 घटनाओं में 1099 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है।

तापमान बढ़ने के साथ जंगल धधक रहे हैं। वन विभाग ने फरवरी में ही फायर सीजन शुरू होने से पहले ही शासन को वनाग्नि नियंत्रण कार्यक्रम के लिए बजट की मांग की थी। बहरहाल, अब शासन ने वन विभाग को चार करोड़ पचास लाख का बजट जारी किया है।

इससे फायर वॉचरों का भुगतान, उपकरण खरीद से लेकर आग बुझाने के लिए बने क्रू स्टेशनों को सुदृढ़ किया जाएगा। मुख्य वन संरक्षक व नोडल अधिकारी वनाग्नि बीपी गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में वनों में आग लगने की सबसे ज्यादा 264 घटनाएं गढ़वाल मंडल में हुई हैं। इसके अलावा कुमाऊं मंडल 133 और वन्यजीव क्षेत्र में 36 घटनाएं हुई हैं

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