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धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर कोर्ट ने सुनाया फैसला, अब दिन में भी लगेगी रोक

धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर कोर्ट ने सुनाया फैसला, अब दिन में भी लगेगी रोक

हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से...Editor

हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से कहा है कि सभी धार्मिक स्थलों में बिना पूर्व अनुमति के लाउडस्पीकर और अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के इस्तेमाल पर दिन के समय में भी रोक लगाएं।

कहा कि रात दस से बारह बजे के बीच किसी धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन के दौरान विशेष स्थिति में ही लाउडस्पीकर की अनुमति दी जाए। वह भी वर्ष में 15 दिन से ज्यादा नहीं हो और इसका स्तर दस डेसीबल से अधिक न हो।

मंगलवार को न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने कई मामलों की सुनवाई करते हुए सख्त आदेश दिए।

कोर्ट ने यह भी कहा है कि ध्वनि विस्तारक यंत्र या पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग करने से पहले संबंधित पक्ष को शपथ पत्र देना होगा कि ध्वनि का स्तर निश्चित मानक से अधिक नहीं होगा। कोर्ट ने राज्य में आवासीय और शांत क्षेत्र में भी लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए कहा कि इसका अनुपालन एसएसपी सख्ती से कराएं।

मानकों का पालन न करने पर पांच करोड़ का जुर्माना

कोर्ट ने भगवानपुर की फैक्ट्री हनंग पर पीसीबी मानकों का पालन नहीं करने पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

अदालत ने फैक्ट्री से चार सप्ताह में यह जुर्माना वसूलने और इसका इस्तेमाल क्षेत्र में पेयजल की दशा सुधारने में करने को कहा है। भगवानपुर निवासी महेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर भगवानपुर इंटर कॉलेज में फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित पानी से निजात दिलाने की मांग की थी।

याचिका में कहा गया था कि स्कूल मैदान में दूषित पानी को जाने से रोकने के निर्देश दिए जाएं। खंडपीठ ने राज्य में उन उद्योगों को बंद करने के आदेश भी दिए हैं, जो मानकों के विपरीत चल रहे हैं।

बिना ट्रीटमेंट गंदा पानी नदी में गया तो सचिव होंगे सस्पेंड

कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) यह सुनिश्चित करे की बिना ट्रीटमेंट के औद्योगिक जल की एक बूंद भी नदियों में न गिरे।

यदि ऐसा हुआ तो बोर्ड के सचिव को सस्पेंड कर दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि सभी निकायों और अन्य अधिकारियों को इस आदेश की लिखित जानकारी दी जाए ताकि नदियों को प्रदूषण से बचाया जा सके।

वहीं, कोर्ट ने राज्य में प्रेशर हार्न के प्रयोग पर भी रोक लगा दी है। कहा कि दोपहिया वाहनों में आवश्यक रूप से साइलेंसर का उपयोग हो

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