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उत्तराखंड: आकाशीय बिजली गिरने से एक की मौत, खतरे के निशान पर पहुंची गंगा, कई घर क्षतिग्रस्त

उत्तराखंड: आकाशीय बिजली गिरने से एक की मौत, खतरे के निशान पर पहुंची गंगा, कई घर क्षतिग्रस्त

उत्तराखंड में मौसम का कहर कम...Editor

उत्तराखंड में मौसम का कहर कम नहीं हो रहा है। अलर्ट के बाद गुरुवार देर शाम से शुरू हुई बारिश के कारण चमोली में आकाशीय बिजली गिरने से एक व्यक्ति के मौत की सूचना है। वहीं, कुमांऊ में बारिश के कारण हाल बेहाल हो गए हैं।

लगातार हो रही बारिश के कारण सड़के पानी से लबालब हो गई हैं। जानकारी के अनुसार, टनकपुर, चंपावत मार्ग पर गुरुवार देर रात भारी मलबा आने से रास्ते बंद हो गए हैं। वहीं यमुनात्री मार्ग पर भी मलबे के बाद रास्ता बंद हो गया है। वहीं लोग वहां से निकल रहे हैं उनके लिए रास्ता बेहद जोखिमभरा हो गया है।

वहीं श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के बांध से बृहस्पतिवार सुबह चार हजार क्यूमेक पानी छोड़ने से हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर 293.70 मीटर पर पहुंच गया। शाम को गंगा खतरे के निशान के करीब बह रही थी।

जलस्तर बढ़ने से तटवर्तीय गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसके बाद जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया। हरिद्वार और लक्सर तहसील के एसडीएम, तहसीलदार के साथ राजस्व विभाग की टीम को मैदान में उतार दिया गया। वहीं लक्सर क्षेत्र में बाढ़ की आशंका पर राजकीय इंटर कॉलेज में टेंट लगाकर रहने और खाने की व्यवस्था की गई है।

बृहस्पतिवार की सुबह छह बजे श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के बांध से चार हजार क्यूमेक पानी छोड़ गया। बांध के अधिकारियों ने इसकी सूचना जिला आपदा प्रबंधन केंद्र हरिद्वार को दी। सुबह 10 बजे गंगा का जलस्तर 293.20 मीटर था, चेतावनी के निशान से 20 सेंटीमीटर अधिक था।

दोपहर दो बजे यह बढ़कर 293.70 मीटर तक पहुंच गया। गंगा जलस्तर शाम पांच बजे तक यथावत बना रहा। इसके बाद फिर से जलस्तर बढ़ने लगा और शाम छह बजे तक 293.90 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से मात्र 10 सेंटीमीटर कम था।

शाम छह से सात बजे के बीच 20 सेंटीमीटर पानी कम हुआ और गंगा 293.70 मीटर पर बह रही थी। बांध के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, रात में फिर से पानी बढ़ेगा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ते ही एसडीएम हरिद्वार और लक्सर को अवगत करा दिया गया।

उनके निर्देशों पर तहसीलदार के साथ-साथ राजस्व टीम मैदान में उतर गईं। जलस्तर बढ़ने के बाद गंगा के किनारों पर बसे ग्रामीणों को सतर्क कर दिया है। लक्सर में 200 लोगों के ठहरने और खाने की व्यवस्था राजकीय इंटर कालेज में प्रशासन की ओर से की गई है। इसके साथ ही रेस्क्यू टीम को आवश्यक सामान भी उपलब्ध करा दिया है।

सल्ट ब्लाक में तीन मकान ध्वस्त, परिजन बाल-बाल बचे

सल्ट ब्लाक में तीन मकान ध्वस्त, परिजन बाल-बाल बचे

अल्मोड़ा में भारी बारिश के कारण सल्ट विकासखंड के अलग-अलग स्थानों पर तीन मकान ध्वस्त हो गए। खतरे का आभास होने पर परिजन घरों से बाहर निकल आए। इसके कुछ ही देर बाद मकान भरभरा कर धराधायी हो गए।

बारिश के दौरान सल्ट विकासखंड के ग्राम पंचायत पटियाचौरा के तोक कोला में दिनेश सिंह पुत्र अमर सिंह का दो मंजिला मकान ध्वस्त हो गया। खतरे का आभास होने पर परिजन घर से बाहर निकल आए थे। इस कारण उनकी जान बच गई। रणथमल गांव में जगत सिंह पुत्र चिंता सिंह और इससे सटे सीता देवी पत्नी सोबन सिंह का एक मंजिला मकान भी ध्वस्त हुआ। क्षेत्रीय राजस्व उप निरीक्षक हंसा दत्त सत्यवली, राजस्व निरीक्षक पंकज बिष्ट, अभिनव कुमार ने घटना स्थल का मौका मुआयना किया। उन्होंने बताया कि प्रभावित तीनों परिवार दूसरे घरों में रह रहे हैं।

बागेश्वर में नौ मकान क्षतिग्रस्त

कुमाऊं के बागेश्वर जिले में बारिश से 9 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वही बघर में अतिवृष्टि से चार मवेशियों की मौत भी हो गइ हैं। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी तहसील का मदकोट कस्बा पिछले 48 घंटे से अंधेरे में डूबा है। बिजली नहीं होने से लोगों को अंधेरे में रात बितानी पड़ रही है।

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