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देहरादून रेलवे स्टेशन का इतने सौ करोड़ में होगा कायाकल्प

देहरादून रेलवे स्टेशन का इतने सौ करोड़ में होगा कायाकल्प

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देहरादून रेलवे स्टेशन का करीब 400 करोड़ रुपये में कायाकल्प किया जाएगा। रेलवे स्टेशन को आधुनिक स्वरूप में विकसित कर तमाम सुविधाएं विकसित की जाएंगी। एमडीडीए के प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। बोर्ड की ओर से जारी किए गए सहमति पत्र में एमडीडीए को रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ जल्द बैठक पर एमओयू (समझौता ज्ञापन) हस्ताक्षरित करने को कहा गया है। ताकि बोर्ड उस पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर सके। परियोजना की सबसे खास बात यह रहेगी कि स्टेशन का विकास उसके ऐतिहासिक स्वरूप के मुताबिक ही होगा। यानी कि मूल स्वरूप को मिटाए बिना स्टेशन आधुनिक रूप में नजर आएगा।

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि रेलवे स्टेशन के आधुनिक स्वरूप को लेकर उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल के डीआरएम व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के साथ पूर्व में बैठक की गई थी। इस क्रम में परियोजना की प्री-फिजिबिलिटी स्टडी भी कराई गई थी। इसके साथ ही परियोजना को लेकर कुछ समय पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक की थी। जिसके सकारात्मक परिणाम रेलवे बोर्ड की सैद्धांतिक स्वीकृति के रूप में सामने आ गए हैं। बोर्ड के निर्देशानुसार 10-15 दिन के भीतर रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ नई दिल्ली में बैठक की जाएगी, ताकि एमओयू की दिशा में काम किया जा सके।

इस तरह आधुनिक बनेगा रेलवे स्टेशन

प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाया जाएगा।

पार्किंग में स्मार्ट बनाया जाएगा। इसके तहत बस से लेकर ऑटो पार्किंग के साथ ही निजी वाहनों के लिए भी पार्किंग स्थल को बेहतर बनाया जाएगा।

टिकट काउंटर को हाईटेक स्वरूप दिया जाएगा।

यात्रियों को बेहतर व किफायती विश्राम स्थल देने के लिए डॉरमेट्री विकसित की जाएगी।

विश्राम के लिए अधिक बेहतर सुविधा देने के लिए होटल निर्माण भी परियोजना का हिस्सा।

रेलवे स्टेशन परिसर में फूड कोर्ट का भी निर्माण होगा।

सभी सुविधाओं से लैस सर्विस अपार्टमेंट भी बनेगा

एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि परियोजना में एक ऐसे सर्विस अपार्टमेंट भी बनाए जाएंगे, जिनमें रहने-खाने के सभी संसाधन पहले से होंगे। कोई भी व्यक्ति इसे कुछ दिन या महीने के हिसाब से किराए पर ले सकता है।

स्वीकृति के बाद विकास को लगेंगे दो साल

रेलवे बोर्ड से जब परियोजना को अंतिम स्वीकृति मिलेगी तो निर्माण व विकास कार्य में डेढ़ से दो साल तक का समय लगेगा। एमडीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि परियोजना में 400 करोड़ रुपये की लागत को देखते हुए परियोजना में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड की संभावना भी तलाशी जाएगी। हालांकि यह तय नहीं किया जा सका है कि पीपीपी मोड निर्माण कार्य में लागू होगा या संचालन में।

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