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संतों का सवाल, जब कम्यूनिस्ट धर्म को नहीं मानते तो किस हैसियत से की टिप्पणी

संतों का सवाल, जब कम्यूनिस्ट धर्म को नहीं मानते तो किस हैसियत से की टिप्पणी

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हिंदुओं को हिंसक बताने वाले सीताराम येचुरी के बयान पर संतों का गुस्सा थम नहीं रहा है। योग गुरु बाबा रामदेव ने कम्यूनिस्टों पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'द ब्लैक बुक आफ कम्युनिज्म में उल्लेख है कि 11 से 12 करोड़ लोगों की हत्याएं की गई हैं। उन्होंने कहा कि ईसाइयों ने भी साम्राज्य के विस्तार के करीब तीस करोड़ लोगों की हत्या की तो मुगलों ने भी दस करोड़ लोगों मारा। उन्होंने पूछा कि करीब 50 करोड़ निर्दोषों की हत्या करने वाले बारे में येचुरी क्यों नहीं बोलते। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवेधानंद गिरी ने कहा कि आप उस धर्म पर टिप्पणी कर रहे हैं जिसे न तो आप मानते हैं और न ही उसके धर्मग्रंथों का अध्ययन किया है। दूसरी ओर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने चेतावनी दी कि यदि येचुरी ने लिखित में माफी नहीं मांगी तो सभी तेरह अखाड़ों की नागा संन्यासियों की सेना देश में सड़कों पर उतर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि येचुरी को हिंदू धर्म शास्त्रों का ज्ञान नहीं है।

कम्यूनिस्टों पर सवाल उठाते हुए संतों ने येचुरी पर तीखे प्रहार किए हैं। योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि क्या येचुरी यह कहने का दुस्साहस कर पाएंग कि कम्युनिस्ट लोग क्रूर और हिंसक होते हैं। क्या वह यह कहने का दुस्साहस कर पाएंगे कि ईसाई और इस्लाम हिंसक होते हैं। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवेधानंद गिरी ने कहा कि किसी भी धर्म के खिलाफ टिप्पणी से बचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संतों का कार्रवाई की मांग करना उचित है। संतों का काम ही धर्म और समाज की रक्षा करना है।

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी और महामंडलेश्वर हरिचेतानंद ने कहा कि येचुरी का बयान दूषित वामपंथी सोच का परिणाम है, जब उन्हें हिंदू धर्म में आस्था नहीं तो फिर किस हैसियत से अनर्गल बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कहा कि ऐसी घृणित मानसिकता के खिलाफ देश में एफआइआर दर्ज कराई जानी चाहिए। स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि येचुरी ने हिंदू समाज का अपमान किया है। उन्हें रावण कहना ही उचित होगा।

भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ और दक्षिण काली पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर कैलाशाचंद ब्रह्मचारी ने भी कहा कि वामपंथी हिन्दू धर्म में विश्वास नहीं करते, उसके धर्मग्रंथ को नहीं पढ़ते तो उन पर टिप्पणी करने का अधिकारी उन्हें किसने दिया। इस घिनौने कृत्य के लिये उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने प्रेस को जारी बयान में युवाओं का आह्वान किया कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी येचुरी का विरोध करें। विश्‍व सनातन धर्म परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालिका पीठाधीश्वर श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत व आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि जो भी राजनेता भारत की सनातन परंपरा से खिलवाड़ करेगा उसके खिलाफ संत समाज एकजुट होकर आंदोलन करेगा। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि, महंत रूपेंद्र प्रकाश, श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, महंत जसविन्द्र सिंह, महंत कमलजीत सिंह सहित कई संत महंतों ने सीताराम येचुरी के बयान की निंदा की।

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