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कांवड़ मेला 2018: डीजे के मामले में उत्तराखंड पर नजर आया 'यूपी का खौफ'

कांवड़ मेला 2018: डीजे के मामले में उत्तराखंड पर नजर आया यूपी का खौफ

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कांवड़ मेले में डीजे को प्रतिबंधित करने के मामले में बैठक के दौरान यूपी का 'खौफ' साफ नजर आया। पुलिस ने इस साल डीजे के संबंध में साफ तौर पर प्रतिबंधित शब्द का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि नियंत्रित रखने की बात कही।

इस नियंत्रण का दायरा कैसा और कितना होगा? यह बात पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट नहीं की है। डीजे कम आवाज में बजेगा या बजने ही नहीं दिया जाएगा? इन सवालों पर भी अधिकारी स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। माना जा रहा है कि इस तरह के गोलमोेल निर्देश उत्तर प्रदेश की नाराजगी से बचने को दिए गए हैं।

पिछले दिनों मुख्यमंत्री आदित्य योगीनाथ कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे बजाने की परंपरा को सही ठहराया था। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद भी डीजे प्रतिबंधित करने के मामले में मुखर हुए थे। उन्होंने इस संबंध में चुप न बैठने जैसी बात कही थी। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधिकारियों ने डीजे को प्रतिबंधित न करते हुए नियंत्रित रखने की बात कही है।

नियंत्रण का दायरा जब अधिकारियों से जानना चाहा तो वे इसका वाजिब जवाब नहीं दे सके। कहा कि उन्होंने पंजाब, हरियाणा और दिल्ली पुलिस से कहा है कि वे कांवड़ यात्रा में डीजे लाने वाले यात्रियों को प्रवेश न करने दें। ऐसे में साफ है कि सिर्फ उत्तर प्रदेश के यात्री ही डीजे के साथ उत्तराखंड में प्रवेश करेंगे। अब नियंत्रण कैसे होगा इसका अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि वे डीजे को प्रतिबंधित कर राजनीतिक विवाद में नहीं फंसना चाहते हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि यदि डीजे प्रतिबंधित किया जाता है तो उससे यूपी की नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है।

अधिकारियों के जवाब के दो अर्थ

डीजे प्रतिबंधित करने के मामले में अधिकारियों का जवाब है कि उत्तराखंड पुलिस अपनी 10 साल पुरानी परंपरा पर कायम है। अब अगर इस परंपरा की बात करें तो दस सालों से डीजे पर प्रतिबंधित करने के आदेश ही दिए जा रहे हैं। सवाल है कि पुलिस की इस परंपरा के अनुसार तो डीजे प्रतिबंधित ही है फिर नियंत्रण की बात क्यों कही जा रही है?

कांवड़ यात्रा में डीजे पर नियंत्रण के आदेश

इस साल कांवड़ मेले के दौरान डीजे पर नियंत्रण के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइनों का हवाला देते हुए उत्तराखंड में डीजे न बजने देने को कहा है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की गई है। इसके अलावा इस साल पहली बार हरिद्वार रेलवे स्टेशन के दो प्लेटफार्म पर पुलिस बूथ बनाए जाने पर सहमति बनी। यह निर्णय सोमवार को हुई 14वीं अंतरराज्यीय व अंतरइकाई समन्वय बैठक में लिया गया। कांवड़ मेले की तैयारियों के संबंध में होने वाली इस वार्षिक बैठक में उत्तराखंड सहित चार पड़ोसी राज्यों के पुलिस अधिकारी, आईटीबीपी, एसएसबी, रेलवे व अन्य विभागों के अधिकारी शामिल रहे। डीजीपी अनिल रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अन्य फैसले भी लिए गए, ताकि कांवड़ रूट पर सुरक्षा-व्यवस्था दुरुस्त रखी जा सके।

उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई से उत्तर भारत के सबसे बड़े आयोजनों में से एक कांवड़ मेला व यात्रा का आयोजन होना है। इस बार कांवड़ मेले में ढाई से तीन करोड़ शिवभक्तों के आने की संभावना है। यात्रा मार्ग, मेला आयोजन स्थल हरिद्वार व आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इसी संदर्भ में सोमवार को आईपीएस कॉलोनी के ऑफिसर्स मैस में यह बैठक हुई।

बैठक में डीजीपी अनिल रतूड़ी ने कहा कि यात्रा के दौरान सभी रूटाें के संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर पर्याप्त प्रशिक्षित पुलिस बल नियुक्त किए जाने व समन्वय की आवश्यकता है। यात्रा में लाठी-डंडों, डीजे व अन्य साधनों जिससे शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका रहती है, उन पर प्रतिबंध रहेगा।

इसके अलावा सभी नोडल अधिकारियों को व्हाट्सएप ग्रुप बनाने, अंतरराज्यीय बैरियरों पर संयुक्त पुलिस बल द्वारा तलाशी लेने, रूट पर लगने वाले भंडारों को निश्चित स्थान पर लगवाने आदि के निर्देश दिए गए। यात्रा अवधि के दौरान सोशल मीडिया की निगरानी रखने पर सहमति बनी। इस दौरान उत्तराखंड के एडीजी (प्रशासन) रामसिंह मीणा, उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार, मेरठ जोन के आईजी इंटेलीजेंस विनय कुमार, एडीजी मेरठ जोन प्रशांत, आईजी करनाल रेंज हरियाणा नवदीप सिंह, आईजी लॉ एंड ऑर्डर पंजाब (प्रथम) एके पांडेय आदि मौजूद रहे।

ये लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

- प्लेटफार्म नंबर आठ व नौ पर बनेंगे पुलिस बूथ

इस साल पहली बार हरिद्वार रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर आठ व नौ पर पुलिस बूथ बनाए जाएंगे। इसके लिए रेलवे अधिकारियों और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के अधिकारियों से बातचीत कर इस पर जल्द कार्य पूरा करने पर सहमति बनी।

- मोतीचूर में अस्थाई ट्रेन हाल्ट

कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार रेलवे स्टेशन और बाजार में अत्यधिक भीड़ होने पर मोतीचूर में अस्थाई ट्रेन हाल्ट बनाने का प्रस्ताव दिया गया। इसके लिए जल्द ही यात्रा से पहले रेलवे से मंजूरी ली जाएगी।

- छत पर बैठे तो नहीं चलेगी ट्रेन

ट्रेन की छत पर बैठकर यात्रा पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। इसके लिए रेलवे अधिकारियों के साथ मिलकर निर्णय लिया गया है कि यदि एक भी व्यक्ति ट्रेन की छत पर बैठता है तो ट्रेन आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।

- नेपाल के रास्ते तस्करी पर अंकुश

यात्रा अवधि के दौरान अक्सर नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले बढ़ते हैं। ऐसे में सशस्त्र सीमा बल, आईटीबीपी, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस को इस प्रकार की तस्करी पर अंकुश लगाने को कहा गया।

- पत्थरबाजी की घटनाओं में होंगे मुकदमे

यात्रा के दौरान ट्रेनों पर पत्थरबाजी की घटनाओं पर भी प्रभावी अंकुश लगाए जाने के निर्देश दिए गए। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि इस दौरान यदि कोई भी मामला सामने आता है तो उसमें तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच की जाएगी।

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