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विकास की नई उम्मीदों संग वर्ष 2019 स्वागतम, आमजन को मिले राहत

विकास की नई उम्मीदों संग वर्ष 2019 स्वागतम, आमजन को मिले राहत

पुराना साल बीत गया और नए का...Editor

पुराना साल बीत गया और नए का आज से आगाज हो रहा। शहर में नई 'सरकार' यानी नगर निगम बोर्ड भी बना है। उम्मीद है कि विकास से जुड़ी जो योजनाएं पिछले बरस पूरी नहीं हो सकीं, वे इस साल जरूर धरातल पर उतरेंगी। चाहे वह कूड़ा प्रबंधन प्रबंधन का मुद्दा रहा हो या शिक्षा के क्षेत्र में सुधार। स्वास्थ्य सुविधाएं के भी बेहतर होने की उम्मीद है और साथ ही यातायात एवं कानून-व्यवस्था में भी सुधार करने का दावा किया जा रहा। ऐसी कई योजनाएं हैं जिनके पूरे न होने से पिछले साल आमजन त्रस्त रहा, लेकिन नई उम्मीद रोशनी दे रही कि यह साल ऐसा नहीं होगा। आमजन को राहत भी मिलेगी और सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में सुधार भी होगा। ऐसी ही कुछ उम्मीदों पर एक नजर।

कूड़ा प्रबंधन: शहर की सबसे बड़ी समस्या यानी गंदगी से इस साल काफी हद तक निजात मिल जाएगी। नौ वर्ष से लंबित नगर निगम के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसाइक्लिंग प्लांट में जनवरी-18 से काम शुरू हो चुका है और उम्मीद जगाई गई है कि इस साल जनवरी से डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की व्यवस्था भी पटरी पर आ जाएगी और सड़कों पर कूड़ा फैला हुआ दिखाई नहीं देगा। नगर निगम शहर में लगभग दो दर्जन स्थानों पर भूमिगत कूड़ेदान लगाए हैं और सभी मेन बाजार में मोबाइल टॉयलेट लगाए जाने बाकी हैं। उम्मीद है कि नया साल 'स्वच्छ दून-सुंदर दून' के सपने को साकार करेगा।

फ्लाईओवर: आइएसबीटी फ्लाईओवर का वाई-शेप होना बाकी है। काम अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि साल के मध्य तक यह काम पूरा हो जाएगा। इसी तरह मोहकमपुर में रेलवे ओवरब्रिज पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है और हरिद्वार बाइपास पर भी काम तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि इस वर्ष यह ओवरब्रिज शुरू हो जाएगा। वाहनों को ट्रेन की क्रासिंग पर जाम में नहीं फंसना पड़ेगा।

शिक्षा: निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन और शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है। दावा हो रहा कि एडमिशन में होने वाली धांधली और बेतहाशा फीस वृद्धि रोकने के लिए विशेष टीम बनाई जाएगी। डीएवी महाविद्यालय में छात्रों की आएदिन होने वाली तालाबंदी पर इस साल लगाम लगने की उम्मीद है।

सार्वजनिक परिवहन: यूं तो शहर में सार्वजनिक परिवहन के नाम पर विक्रम, सिटी बस और ऑटो ही मुख्य सहारा हैं, लेकिन इनकी स्थिति फिलहाल बेहतर नहीं है। अमृत योजना के तहत लो-फ्लोर बसें इस साल शहर को मिलनी हैं। उम्मीद की जा रही कि ये बसें शहर के अंदर चलाई जाएंगी। विक्रमों को शहर से बाहर करने की कवायद लंबे समय से चल रही, मगर राजनीतिक अड़ंगा लग जाता है। प्रदूषण को नियंत्रित करने व अमृत व स्मार्ट सिटी योजना के तहत परिवहन विभाग कोशिश कर रहा कि विक्रम शहर के अंदर न चलें। महिलाओं के लिए सिटी बसों में अलग केबिन की शुरुआत हो चुकी है, पर अभी भी काफी प्रयास बाकी हैं।

कानून-व्यवस्था: नशे का गढ़ बन चुके शहर को इसकी जकडऩ से बाहर लाने के लिए पुलिस के 'आपरेशन नई जिंदगी' को व्यापक पैमाने पर अमल में लाने की तैयारी है। दून पुलिस ने इसके लिए एक गोपनीय कार्ययोजना भी बना ली है। चेन लूट और पर्स लूट की घटनाएं रोकने के लिए सड़क व बाजार में सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को उतारने की योजना है। चोरों पर लगाम लगाने को डोजियर तैयार किया जा रहा है। बाहरी राज्यों में अपराध कर दून में शरण लेने वाले कुख्यातों की धरपकड़ करने को एसओजी को कमान सौंपी जा रही है।

यातायात-व्यवस्था: शहर को यातायात जाम से निजात दिलाने, हादसों पर अंकुश लगाने एवं यातायात नियम तोड़ने वालों के खिलाफ पुलिस अब हाईटेक तकनीक का सहारा लेगी। इस तकनीक में सीसी कैमरों से नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई होगी तो शराबी चालकों व दुर्घटना को अंजाम देने वाले चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने की प्रभावी कार्रवाई होगी।

आएगी 18 कोच की ट्रेन: देहरादून तक रेल लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है। प्लेटफार्म बड़े किए जा रहे। इसके बाद दून तक 18 कोच की व लंबी दूरी की ट्रेनें आ सकेंगी। साथ ही इस साल रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण का काम पूरा होने की उम्मीद भी की जा रही।

सीवर-लाइनें होंगी दुरुस्त: वर्तमान में शहर में हर जगह सीवर लाइनों की वजह से खुदी हुई सड़कें शायद इस साल दुरुस्त हो जाएं। एडीबी और जल निगम शहर में 450 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाने का काम इस साल पूरा करने की उम्मीद दे रहे। फिर सड़कें दुरुस्त करने का काम भी होगा। शहर में छह सीवर ट्रीटमेंट प्लांट ने काम करना शुरू कर दिया और कौलागढ़ में बन रहे प्लांट के भी इस साल शुरू होने की उम्मीद है। इसके बाद शायद सड़कों पर बहने वाली सीवर की गंदगी से निजात मिल सकेगी।

सड़कें-चौराहे होंगे चौड़े: शहर में जिन चौराहे पर अभी तक चौड़ीकरण का काम पूरा नहीं हुआ है, उम्मीद है कि इस साल काम पूरा हो जाएगा। कनक चौक, ग्लोब चौक, लैंसडोन चौक, एस्लेहाल चौक, बल्लूपुर चौक व बल्लीवाला चौक इनमें शामिल हैं। इनका सौंदर्यीकरण भी पूरा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही हरिद्वार बाइपास चौड़ीकरण, दून-हरिद्वार हाइवे फोर-लेन का काम भी इसी साल पूरा होने का दावा किया जा रहा है।

अतिक्रमणमुक्त शहर: नगर निगम दावा कर रहा कि इस साल शहर को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए विशेष कार्ययोजना पर काम होगा। वर्तमान में शहर के हालात किसी से छुपे नहीं हैं। बाजारों व सड़कों पर दुकानें सजी हुई हैं। फुटपॉथ कब्जे की जद में हैं और फड़ सज रहीं। ठेलियां भी सड़कों को खराब कर रहीं। उम्मीद की जा रही कि इस साल ठेलियों के लिए वेंडिंग जोन अस्तित्व में आ जाएंगे। सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए नगर निगम जेबरा फोर्स को और मजबूत करने का प्रस्ताव ला रहा।

सर्विस डक्ट: विदेशी बाजार की तर्ज पर प्रमुख पलटन बाजार को नया स्वरूप देने का काम भले बीते साल ठंडे बस्ते में रहा हो लेकिन उम्मीद है कि इस साल योजना पर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। योजना का नाम सर्विस डक्ट है। जिसमें पलटन बाजार में फुटपाथ और दुकानों के छज्जे तोड़कर अंडरग्राउंड नालियां बनाई जाएंगी। योजना में बिजली, पानी, मोबाइल की सभी लाइनें भूमिगत होंगी और दुकानों के शटर सीधे सड़क पर खुलेंगे। सड़क के बीचोंबीच में वाहन पार्किंग होगी। दुकानदार सड़क पर एक डिब्बा भी नहीं रख पाएंगे।

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