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चिन्मयानंद के खिलाफ रेप केस खत्म करने की तैयारी में यूपी सरकार

चिन्मयानंद के खिलाफ रेप केस खत्म करने की तैयारी में यूपी सरकार

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के...Editor

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ योगी सरकार ने अब तक कोई एक्शन नहीं लिया है. दूसरी ओर सूबे की सरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले को खत्म करने की तैयारी में है. सहारनपुर प्रशासन ने 9 मार्च को न्यायिक जांच अधिकारी को इस संबंध में भेजा पत्र है.


बता दें कि 7 साल पहले 2011 में चिन्मयानंद पर उनके आश्रम में रहने वाली लड़की के पिता ने बलात्कार का आरोप लगाया था यह लड़की कई वर्षों तक चिन्मयानंद के आश्रम में रही थी. चिन्मयानंद तीन बार के सांसद रह चुके हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के शासन में गृह राज्य मंत्री थे.

बीजेपी विधायक सेंगर के खिलाफ युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म का आरोप और फर्जी मुकदमे में जेल भेजे गए पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत से योगी सरकार बुरी तरह घिरी हुई है. एडीजी ने उन्नाव के एसओ और चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया है.

पीड़िता रविवार को मुख्यमंत्री आवास के सामने अपनी मां, चाची, दादी, चार बहनों व एक मासूम भाई के साथ पहुंची थी. इन लोगों ने खुद पर मिट्टी तेल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया था.

पीड़ित युवती ने आरोप लगाया है कि विधायक और उनके भाई अतुल सिंह ने उसके साथ दुष्कर्म किया और अब उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. विधायक के गुर्गे आए दिन उसके और परिवार के लोगों के साथ मारपीट किया करते हैं.

पुलिस में शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. न्याय न मिलने पर वह परिवार संग आत्मदाह के लिए मजबूर हुई. सकते में आई पुलिस युवती सहित पूरे परिवार को गौतमपल्ली थाने ले गई. पीड़ित परिवार वहां धरने पर बैठा रहा. बाद में पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें चलता किया.

इससे पहले कि विधायक पर लगे गंभीर आरोप पर सरकार कोई कार्रवाई करती, सोमवार को युवती के पिता की जेल में मौत हो गई.

पीड़िता के पिता को पेड़ से बांधकर बुरी तरह पीटा

युवती के बयान के मुताबिक, अदालत में चल रहा एक मुकदमा वापस लेने से इनकार करने पर पांच दिन पहले विधायक के भाई और उनके गुर्गों ने उसके पिता को पेड़ से बांधकर बुरी तरह पीटा था और घसीटते हुए ले गए थे.

बाद में पता चला कि पुलिस से मिलीभगत के कारण फर्जी मामला दर्ज करवाकर उसके पिता को उन्नाव जिला जेल भिजवा दिया गया. सोमवार को खबर आई कि उसके पिता ने जेल में दम तोड़ दिया है. पीड़िता के पिता की मौत के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया.

एडीजी राजीव कृष्णा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्नाव के एसओ अशोक सिंह और चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया. इन पर पीड़ित पक्ष की दी हुई तहरीर बदलने और एफआईआर दर्ज न करने का आरोप है.

चार आरोपी हिरासत में, विधायक का भाई फरार

साथ ही पीड़िता के पिता के साथ मारपीट के चार आरोपियों को हिरासत में लिया गया है, विधायक का भाई हालांकि फरार है. हालात का जायजा लेने के लिए लखनऊ से एएसपी क्राइम टीम के साथ उन्नाव पहुंच गई है.

प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद सिंह ने नोटिस जारी करते हुए उन्नाव जेल के डीजी और जिला प्रशासन से पूरे मामले की तत्काल रिपोर्ट तलब की है. वहीं, युवती की शिकायत पर एडीजी ने मामले की जांच के सीओ (कैंट) तनु उपाध्याय को सौंप दी है.

आरोपी विधायक बोले- आरोप तो भगवान राम पर भी लगा था

उधर, विधायक सेंगर ने खुद पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि आरोप तो भगवान राम पर भी लगा था. लड़की के लगाए आरोप निराधार हैं, मामले की स्पष्ट जांच करते हुए दोषी के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए. विधायक ने कहा कि आरोप लगाने वाली युवती के भाई हिस्ट्रीशीटर हैं. माखी थाने में युवती के भाइयों पर कई मुकदमें दर्ज हैं. एक भाई पर 26 मुकदमे और दूसरे पर 16 मुकदमे हैं.

'विधायक के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं'

विधायक ने कहा कि जिन लोगों पर इस युवती ने आरोप लगाए थे, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. पीड़िता का बयान संबंधित न्यायालय में दर्ज किया गया था.

उप्र के पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश सिंह ने पूरे मामले को लेकर कहा कि इस घटना की जांच के लिए पुलिस टीम का गठन कर दिया गया है. पुलिस टीम उन्नाव पहुंच चुकी है. पुलिस की जांच में जो दोषी पाया जाएगा, उसे बक्शा नहीं जाएगा. इस प्रकरण में पुलिस पहले ही नामजद अभियुक्तिों को गिरफ्तार कर चुकी है.

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