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अब किसके पिता की बारी है: 'शहीद' सुबोध के बेटे अभिषेक

अब किसके पिता की बारी है: शहीद सुबोध के बेटे अभिषेक

बुलंदशहर हिंसा को लेकर कई तरह...Editor

बुलंदशहर हिंसा को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं. पुलिस और सरकार कानून के दायरे में रहकर अपना काम करेंगी. परिवार वाले गम की इस घड़ी से खुद को निकालने की कोशिश करेंगे. आस-पड़ोस और समाज के लोग शहीद सुबोध कुमार सिंह से जुड़ी बातों को याद करता रहेगा. पुलिस महकमा शहीद इंस्पेक्टर सुबोध के योगदान को याद करेगा. घटना के बाद से ये सारी बातें एक नियमित प्रक्रिया के तहत हो रही हैं और होती रहेंगी. इन सबके बीच शहीद सुबोध के बेटे अभिषेक सिंह कुछ ऐसी बातें कह गए जो समाज की आंखें खोलने वाली हैं.

अभिषेक ने कहा है कि उनके पिता चाहते थे कि वह एक अच्छा नागरिक बने जो धर्म के नाम पर हिंसा नहीं भड़काये. अभिषेक सिंह ने कहा, 'मेरे पिता ने इस हिन्दू-मुस्लिम विवाद में अपना जीवन गंवा दिया. अगली बारी किसके पिता की होगी?'

अभिषेक ने अपनी अपनी बातों के जरिए समाज को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि धर्म और जाति के नाम पर आपसी नफरत ठीक नहीं है. यह हम सबको नुकसान पहुंचाएगा. इस नफरत की आग में कोई और नहीं बल्कि हम और आप अपनों को खोएंगे.

मालूम हो कि पुलिस पर हमले के दौरान सोमवार को इंस्पेक्टर सुबोध सिंह और एक 20 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी. सुबोध सिंह ने 2015 में गोमांस खाने को लेकर फैली अफवाह के बाद दादरी निवासी मोहम्मद अखलाक की पीट-पीट कर हत्या मामले की शुरूआती जांच की थी. इंस्पेक्टर की बहन ने आरोप लगाया कि हत्या पुलिस की एक 'साजिश' है. सुनीता सिंह ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, 'पुलिस ने एक साजिश में मेरे भाई की हत्या की क्योंकि उसने एक गोहत्या मामले (अखलाक की पीट-पीट कर हत्या मामले) की जांच की थी.' उन्होंने कहा, ''उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए और हमारे पैतृक स्थान पर उनका एक स्मारक बनाया जाना चाहिए.''

आवेशित सुनीता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बरसते हुए कहा, 'गाय हमारी माता है. मैं उसे स्वीकार करती हूं. मेरे भाई ने अपना जीवन उनके लिए दिया. मुख्यमंत्री गाय, गाय, गाय करते रहते हैं. वह गौ रक्षा के लिए कदम क्यों नहीं उठाते?'

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