आंध्रप्रदेश में पेट्रोल-डीजल हुआ 2 रुपए सस्ता, आज रात से लागू होंगी नई कीमतें
- In बिजनेस 10 Sept 2018 4:08 PM IST
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच राज्यों ने राहत देने का काम शुरू कर दिया है. राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट की कटौती के बाद अब आंध्र प्रदेश ने भी पेट्रोल-डीजल पर वैट घटा दिया है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने पेट्रोल-डीजल के दाम में दो रुपए की कटौती करने का ऐलान किया. आंध्र प्रदेश की जनता को अब पेट्रोल-डीजल दो रुपए सस्ता मिलेगा. बता दें, तेल कंपनियां रोजाना पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी कर रही हैं. रुपये में आ रही रिकॉर्ड गिरावट के चलते तेल कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ रहा है. वहीं, केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी घटाने को तैयार नहीं है.
सोमवार (10 सितंबर) को भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम 23 पैसे बढ़कर 80.73 प्रति लीटर हो गया है. डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है और डीजल 22 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 72.83 रुपए हो गया है. उधर, मुंबई में पेट्रोल की कीमत रिकॉर्ड हाई 88.12 रुपए प्रति लीटर है, जबकि डीजल की कीमत रिकॉर्ड 77.32 प्रति लीटर हो गई है.
आंध्र प्रदेश में कितना है पेट्रोल का दाम
आंध्र प्रदेश में सोमवार (10 सितंबर) को पेट्रोल के दाम 85.69 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए थे. इससे पहले 9 सितंबर को पेट्रोल के दाम 84.91 पैसे थे. सोमवार को आंध्र प्रदेश में 78 पैसे महंगा हुआ था. मौजूदा स्थिति में आंध्र प्रदेश में पेट्रोल पर 35.77 फीसदी वैट लगता है और डीजल पर 28.08 फीसदी वैट लगता है. इसी आधार पर राज्य ने 2 रुपए की कटौती की है. अब पेट्रोल-डीजल 2 रुपए सस्ता मिलेगा.
खजाने पर 1200 करोड़ के असर
आंध्र प्रदेश के वैट घटाने के राज्य के सरकारी खजाने पर इसका असर होगा. एक अनुमान के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल पर 2 रुपए वैट घटाने से राज्य को करीब 1200 करोड़ का नुकसान होगा.
राजस्थान ने भी घटाया वैट
आंध्र प्रदेश के अलावा राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की कीमतें 2.5 रुपए लीटर तक कम कर दी गई हैं. यह कमी सोमवार (10 सितंबर) से प्रभावी भी हो गई. यहां ईंधन पर वैट 4-4 प्रतिशत कम किया गया है. हालांकि, इससे राज्य के खजाने को 2000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
4 साल में दोगुना हुआ टैक्स कलेक्शन
केंद्र सरकार का पेट्रो उत्पादों से टैक्स कलेक्शन 4 साल में दोगुना हो चुका है. यह 2014-15 के 99184 करोड़ रुपए के मुकाबले 2017-18 में 2,29,019 करोड़ रुपए पहुंच गया है. वहीं राज्यों का पेट्रो उत्पादों पर वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) से राजस्व 2017-18 के 1.37 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपए हो चुका है. हालांकि ऐसी कुछ नीतियां हैं सरकार जिन्हें लागू कर ऊंची कीमतों को नीचे ला सकती है.
मार्जिन पूरा कर रही हैं कंपनियां
पेट्रोल और डीजल के लगातार बढ़ते दामों के लिए गिरता रुपया और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें जिम्मेदार हैं. डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार गिरावट जारी है. कच्चा तेल भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहा है. इसके चलते तेल कंपनियों की लागत में भी इजाफा हो रहा है. जिसका मार्जिन पूरा करने के लिए तेल कंपनियां लगातार इजाफा कर रही हैं.