'फेस रीडिंग' करेंगे बैंक! चेहरा पढ़कर माल्या जैसे डिफॉल्टर्स की होगी पहचान
- In बिजनेस 30 Jun 2018 4:46 PM IST
स्पेन के मशहूर आर्टिस्ट पाबलो पिकासो ने कहा था, "कौन इंसान का चेहरा सही तरीके से पढ़ सकता है: फोटोग्राफर, आईना या एक पेंटर?" अब गुजरात के बैंकों का दावा है कि वह चेहरा पढ़कर डिफॉल्टर्स की पहचान कर सकेंगे. दरअसल, पिछले कुछ साल में बैंकों को डिफॉल्टर की वजह से बड़ा चूना लगा है. लगातार बैंकों का एनपीए बढ़ता जा रहा है. आरबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में एनपीए में और बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे में गुजरात के कुछ बैंक एनपीए सुधारने और ऐसे डिफॉल्टर्स (जो जानबूझकर पैसा नहीं चुकाते) को पकड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं. अब बैंक चेहरा पढ़कर धोखाधड़ी करने वाले लोगों की पहचान करने की तैयारी कर रहे हैं. बैंकों का कहना है कि ऐसा करने से विजय माल्या जैसे डिफॉल्टर्स को पकड़ने में मदद मिलेगी.
माइक्रो एक्सप्रेशन से पकड़े जाएंगे डिफॉल्टर
गुजरात के कुछ बैंकों ने फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी से इस मामले में मदद मांगी है. इसके लिए माइक्रो एक्सप्रेशन तकनीक का सहारा लिया जाएगा. इसकी मदद से पता चल जाएगा कि डिफॉल्टर से कैसे बचा जाए. बैंकों ने यूनिवर्सिटी से एक फेशियल माइक्रो एक्सप्रेशन मैन्युअल उपलब्ध कराने को कहा है, जिससे वह अपने कर्मचारियों को माल्या जैसे लोगों की पहचान करने की ट्रेनिंग दे सकेंगे.
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कैसे काम करता है माइक्रो एक्सप्रेशन?
फेस रीडिंग के लिए माइक्रो एक्सप्रेशन का इस्तेमाल होता है. माइक्रो एक्सप्रेशन की मदद से सेकंड के 25वें हिस्से में चेहरे के भावों में होने वाले बदलाव हैं. ये अनैच्छिक होते हैं और व्यक्ति की सही भावनाओं को प्रकट करते हैं. ये बदलाव किसी बात को जानबूझकर छिपाने की वजह से भी होते हैं. खास बात यह है कि माइक्रो एक्सप्रेशन को कोई छिपा नहीं सकता.
क्यूबिजम सिद्धांत से प्रेरित बैंक
बैंकों की यह योजना पिकासो के क्यूबिजम सिद्धांत से प्रेरित है. 20वीं शताब्दी में मॉडर्न आर्ट मूवमेंट में पेंटिंग में पूरी वस्तु न होकर इसे टूटे हुए रूप में देखा जाता था और फिर इकट्ठा करके वस्तु रूप दिया जाता था. जानकारों का कहना है कि चेहरे के भावों को पहचानकर धोखेबाज लोगों से बचा जा सकता है.
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माइक्रो एक्सप्रेशन क्यों है जरूरी?
चेहरे के हाव-भाव के रूप में चेहरा एक यूनिवर्सल सिस्टम सिग्नल देता है. हर किसी के चेहरे पर माइक्रो एक्सप्रेशन आते हैं और इन्हें कोई छुपा नहीं सकता. इन एक्सप्रेशंस से व्यक्ति की भावनात्मक स्थिति में होने वाली बदलाव साथ तौर पर झलकते हैं. माइक्रो एक्सप्रेशन को सीखने से अपनी और दूसरे की भावनाओं को पहचानने में मदद मिलती है.
बैंकों से NPA से परेशान है सिस्टम
बैंकिंग सिस्टम लगातार बढ़ते बैंकों के NPA को लेकर परेशान है. ऐसे में कई तकनीकी तरीके भी निकाले जा रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी बैंकों को सावधान किया है. वहीं, ईडी भी साइबर सिक्यॉरिटी और डिजिटल फॉरेंसिक ऑपरेशन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. 14,000 करोड़ का पीएनबी घोटाला देश के बैंकों के इतिहास में एक गहरा दाग है. बैंक अब फूंक-फूंककर कदम रखना चाहते हैं और ऐसी धोखाधड़ी से बचने की दिशा में काम कर रहे हैं.