जेट जमीन पर आ जाएगी: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल

जेट जमीन पर आ जाएगी: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल
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एसबीआई ने जेट एयरवेज का भविष्य पूरी तरह से तय कर लिया है। बैंकों का कंशोर्सियम अब जेट एयरवेज के खिलाफ दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया को शुरू करेगा। अब यह मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के पास जाएगा, जो आईबीसी के तहत आगे की कार्रवाई पर फैसला लेगा। इससे अब जेट हमेशा के लिए जमीन पर आ जाएगी।

नहीं बनी बात

रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को एयरलाइन को फिर से शुरू करने की कोशिशों पर बैंकों में मंथन हुआ, लेकिन किसी भी समाधान को लेकर के बात नहीं बनी। बैंकों ने बयान जारी करते हुए कहा कि जेट को फिर से खड़ा करने के लिए केवल एक ही निविदा आई, जिसके साथ शर्ते भी थीं। इसमें बैंकों से अपना कर्ज माफ करने के लिए कहा गया था। हालांकि ऐसा करना बैंकों के लिए हित में नहीं था। अब पूरी कवायद आईबीसी के तहत चलेगी।

20 जून के बाद होगी सुनवाई

जेट एयरवेज के दिवाला एवं शोधन अक्षमता से जुड़े मामले की सुनवाई राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 20 जून तक के लिए स्थगित कर दी है। जेट एयरवेज को एनसीएलटी में घसीटने वाले दो परिचालकीय ऋणदाताओं शमन व्हील्स और गग्गर एंटरप्राइजेज को न्यायाधिकरण ने एयरलाइन को दोबारा कानूनी नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। न्यायाधिकरण ने दिवाला प्रक्रिया से जुड़ी इस याचिका को सुनवाई के लिए अब तक दाखिल नहीं किया है।

मात्र 14 विमानों का बेड़ा

जेट के पास अब मात्र 14 विमान हैं। अन्य विमान कंपनी ने लीज पर लिए थे, लेकिन मंथली रेंटल न भरने के कारण उन्हें लीज पर देने वाली कंपनियों ने डीरजिस्टर कर दिया है। इस संदर्भ में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, 'जेट एयरवेज अपने इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के लिए विमानों के मेंटेनेंस के न्यूनतम मापदंड को पूरा नहीं कर रही थी इसलिए यह कार्रवाई की गई है।'

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