करंट अकाउंट या सेविंग अकाउंट: आपको क्‍या खुलवाना चाहिए, जानें दोनों में क्‍या है फर्क

करंट अकाउंट या सेविंग अकाउंट: आपको क्‍या खुलवाना चाहिए, जानें दोनों में क्‍या है फर्क
X

बैंक सेविंग अकाउंट आम बैंकिंग सुविधाओं में से एक है। अधिकतर लोग बैंक या पोस्ट ऑफिस के साथ सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं। सेविंग अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, फंड ट्रांसफर, बैंक से बैंक ट्रांसफर, एटीएम ट्रांजेक्शन, प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) मशीनों से ट्रांजेक्शन, बिल पेमेंट आदि जैसी कई सुविधाओं का लाभ उठा सकता है। करंट अकाउंट (चालू खातों) में कई अलग प्रकार की सुविधाएं मिलती हैं, जो कि अधिकतर बिजनेस के उद्देश्यों के लिए डिजाइन की गई होती हैं। एक करंट अकाउंट का उपयोग बड़े स्तर पर कई पेमेंट, रिसिप्ट, इससे संबंधित अन्य ट्रांजेक्शन करने के लिए किया जाता है जिसमें बड़ी पेमेंट और रिसीविंग शामिल होती है। कोई भी व्यक्ति बैंक की तरफ से तय लिमिट तक रोजाना ट्रांजेक्शन कर सकता है, जबकि एक सेविंग अकाउंट में ट्रांजेक्शन की संख्या काफी कम होती है। इसलिए, सेविंग बैंक अकाउंट सैलरी पाने वालों के लिए ठीक हैं और करंट अकाउंट उन लोगों के लिए ठीक है जिनको बार-बार ट्रांजेक्शन करनी होती है।

सेविगं अकाउंट और करंट अकाउंट में क्‍या है फर्क:

ब्याज दर

सेविंग बैंक अकाउंट में लगभग 4 फीसद का ब्याज मिलता है, जबकि करंट अकाउंट में कोई ब्याज नहीं मिलता है। वहीं कुछ बैंक सेविंग अकाउंट में जमा अमाउंट पर 6 फीसद तक ब्याज दर की पेशकश करते हैं।

ओवरड्राफ्ट

एक सेविंग अकाउंट रखने वाले व्यक्ति को ओवरड्राफ्ट की अनुमति नहीं होती है, जिसका मतलब है कि सेविंग अकाउंट धारक केवल उतना ही पैसा निकाल सकता है, जितना अकाउंट में मौजूद है। कोई भी बैंक या एनबीएफसी सेविंग बैंक अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा नहीं देता है। जबकि एक करंट अकाउंट होल्डर बैंक की सहमति से तय सीमा तक ओवरड्राफ्ट सुविधाओं का लाभ उठा सकता है।

मिनिमम बैलेंस

सेविंग बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की आवश्यकता करंट अकाउंट के मुकाबले काफी कम होती है। बैंक और अन्य माइक्रोफाइनेंस संस्थान जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट और स्मॉल सेविंग अकाउंट की पेशकश करते हैं, जिसमें अकाउंट होल्डर्स को मिनिमम एवरेज बैलेंस बनाए रखने की आवश्यकता नहीं होती है।

Next Story
Share it