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वीडियोकॉन-ICICI लोन मामला : इनकम टैक्स का चंदा कोचर के पति दीपक को दूसरा नोटिस

वीडियोकॉन-ICICI लोन मामला : इनकम टैक्स का चंदा कोचर के पति दीपक को दूसरा नोटिस

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आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन समूह के विवादित 3,250 करोड़ रुपये ऋण मामले में आयकर विभाग ने दीपक कोचर को गुरुवार (12 अप्रैल) को दूसरा नोटिस जारी किया. वह आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के पति हैं. साथ ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने न्यूपावर रिन्यूएबल्स के निदेशक उमानाथ बैकुंठ नायक और वीडियोकॉन समूह के मालिक वेनुगोपाल धूत के करीबी महेश चंद्र पुंगलिया से गुरुवार को यहां मुख्यालय में पूछताछ भी की.


आयकर अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने वीडियोकॉन बैंक ऋण मामले में चल रही कर अपवंचन की जांच के संबंध में दीपक से मिले 'अधूरे जवाब' के बाद उन्हें यह नोटिस भेजा गया है. कोचर के अधिकृत प्रतिनिधि ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में मिले एक नोटिस के जवाब में उन्होंने विभाग के पास आधिकारिक दस्तावेज और बयानों को दो दिन पहले ही जमा करा दिया है. आयकर अधिकारियों ने बताया कि यह जवाब 'पूरा' नहीं है और यह पूरी जानकारी नहीं देता है. कोचर से इस हफ्ते में बची हुई और जानकारी जमा करने के लिए कहा गया है.

इसमें 325 करोड़ रुपए के उस निवेश के बारे में भी पूछा गया है जो मॉरीशस की दो कंपनियों ने उनकी कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड में डाले थे. इन दो विदेशी कंपनियों की पहचान फर्स्ट लैंड होल्डिंग लिमिटेड और डीएच रिन्यूएबल्स होल्डिंग लिमिटेड के तौर पर की गई है. आयकर विभाग ने न्यूपावर में निवेश के लिए शेयर मूल्यांकन की रपट मांगी है और कंपनी के लाभ एवं बैंलेंस शीट की मांग भी की है.

इसके अलावा सीबीआई न्यूपावर रिन्यूएबल्स और वीडियोकॉन के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पहले ही मुंबई में पूछताछ कर रही थी. यह पहला मौका है जब इस मामले में किसी को पूछताछ के लिए यहां मुख्यालय में तलब किया गया. यह ऋण सौदा लाभ के बदले लाभ पहुंचाने के आरोपों को लेकर हालिया समय में सुर्खियों में रहा है. सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में धूत, दीपक कोचर तथा अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिक जांच दर्ज की है. किसी भी मामले में सूचनाएं जमा करने के लिए सीबीआई पहले प्राथमिक जांच दर्ज करती है. प्रथमदृष्ट्या पुख्ता सबूत पाये जाने पर एजेंसी मामले को आरोपियों के खिलाफ नियमित प्राथमिकी में बदल सकती है.

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