Bitcoin : गुजरात में PNB से भी बड़ा घोटाला, निवेशकों के डूबे 3 अरब डॉलर
- In बिजनेस 11 Aug 2018 5:13 PM IST
गुजरात के सूरत में बिटक्वाइन आधारित पोंजी स्कीम से जुड़ा घोटाला पकड़ में आया है जिसमें निवेशकों के करीब 3 अरब डॉलर डूब गए. इसे बैंकिंग जगत का सबसे बड़ा घोटाला कहा जा रहा है. इसमें सूरत से लेकर टेक्सास (अमेरिका) तक लोगों ने निवेश किया. मीडिया रिपोर्ट में दावा है कि यह स्कैम पीएनबी के महाघोटाले से कहीं बड़ा है. इसमें प्रॉपर्टी डीलर, हीरा व्यवसायी और गुजरात के कुछ बड़े नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान इस पोंजी स्कीम में करोड़ों रुपए का काला धन लगाया. सूरत देश के हीरा उद्योग का सबसे बड़ा केंद्र है और इस घोटाले का भी रहा, जहां से पोंजी स्कीम शुरू हुई.
प्रॉपर्टी डीलर की शिकायत पर शुरू हुई जांच
घोटाले की जांच एक प्रॉपर्टी डीलर शैलेश भट्ट की शिकायत पर हुई. उसने दावा किया था कि उसे कुछ पुलिसवालों ने किडनैप किया था और 200 बिटक्वॉइन की फिरौती मांगी, जिसकी कीमत 18 लाख डॉलर के आसपास थी. सीआईडी ने मामले की जांच शुरू की और 8 पुलिसवालों की मिलीभगत का खुलासा हुआ. यह भी पता चला कि भट्ट को अगवा करने की साजिश उसके सहयोगी किरिट पलाडिया ने रची थी. इस वारदात का सूत्रधार पलाडिया का चाचा नलिन कोटाडिया था. कोटाडिया बीजेपी का पूर्व विधायक रहा है.
सीआईडी की जांच में सामने आई सच्चाई
सीआईडी अफसर आशीष भाटिया के मुताबिक पलाडिया इस समय जेल में है. उस पर अपहरण और फिरौती मांगने का चार्ज है. भट्ट को भी बाद में मामले में आरोपित बनाया गया. वह और कोटाडिया दोनों फरार हैं. कोटाडिया ने अप्रैल में व्हाट्सऐप के जरिए एक वीडिया पोस्ट किया था. इसमें उसने दावा किया कि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. उसने कहा-मैंने अधिकारियों को क्रिप्टो स्कैम के बारे में बताया था. इस स्कैम का खुलासा गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत दयाल ने किया था.
सतीश कुम्भानी का नाम सामने आया
यूट्यूब पर अपलोडेड वीडियो में कोटाडिया ने बताया कि भट्ट इस पूरी साजिश का सूत्रधार है. उसने धमकी दी है कि अगर मैंने मुंह खोला तो इसमें दूसरे बड़े नेता भी फंसेंगे. हालांकि भट्ट और पलाडिया के वकीलों ने अपने-अपने मुवकिलों का बचाव किया. उन्होंने कहा कि वे दोनों निर्दोष हैं. सीआईडी अफसर के मुताबिक भट्ट ने 2016 से 2017 के बीच बिटकनेक्ट नाम की कंपनी में निवेश किया था. यह क्रिप्टोकरंसी कंपनी गुजरात के सतीश कुम्भानी की है. कुम्भानी बिटकनेक्ट के संस्थापक में से एक है. कुम्भानी वही शख्स है जिसके खिलाफ अमेरिका समेत कई देशों में धोखाधड़ी का केस दर्ज है. कुम्भानी की कंपनी के दुनियाभर में क्लाइंट हैं, जिन्हें बिटक्वाइन जमा करके बिटकनेक्ट क्वाइंस दिए जाते थे. इसके बदले उन्हें हर माह 40% ब्याज का प्रलोभन दिया गया था. यह भी कहा गया था कि अगर वह दूसरा निवेशक लाते हैं तो ब्याज बढ़ा दिया जाएगा. पूरा खेल एक पोंजी स्कीम की तरह चल रहा था.
बिटक्वाइंस के बदले दिए जाते थे बिटकनेक्ट क्वाइन
बीते साल जब बिटक्वाइन की कीमत 19700 डॉलर से नीचे आकर 1000 डॉलर पर आ गई तो बिटकनेक्ट क्वाइंस की कीमत एकदम धड़ाम हो गई. भाटिया के मुताबिक गुजरात में भट्ट और अन्य निवेशकों ने 3.2 अरब डॉलर के बिटक्वाइन बिटकनेक्ट कंपनी में लगाए. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2016 में जब भारत में नोटबंदी लगी तो करीब 45 अरब रुपए (650 मिलियन डॉलर) सूरत में लगाए गए.
गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च गुजरात से थे
नोटबंदी के दौरान गूगल पर एक क्वेरी सबसे ज्यादा आई थी कि कालेधन को कैसे छिपाया जाए? इसमें सबसे ज्यादा क्वेरी गुजरात से आई. इसके आंकड़े गूगल ट्रेंड पर प्रदर्शित हुए थे. इसमें किसी ने क्रिप्टोकरंसी में निवेश की वकालत की थी. उसी दौरान आननफानन में दुनियाभर में क्रिप्टो चैटरूम काम करने लगे थे. उस दौरान भारतीयों ने 25% प्रीमियम पर बिटक्वाइन खरीदे.
नोटबंदी के पहले चर्चा में आ गए थे बिटक्वाइन
एक विदेशी विशेषज्ञ ने बताया कि डिमोनेटाइजेशन के समय हमारी भारत पर नजर थी. ग्रीस के आर्थिक संकट के बाद बिटक्वाइन में निवेशकों की अचानक दिलचस्पी पैदा हुई थी. काले धन के अलावा कुछ लोग तो बिटक्वाइन को लेकर इतने जूनुनी हो गए थे कि उन्होंने इसे खरीदने के लिए अपने घर-कार तक बेच डाले. 4 जनवरी 2018 को टेक्सास में बिटकनेक्ट के खिलाफ जब्ती और बंदी का आदेश जारी हुआ. इसके बाद नॉर्थ कैरोलिना में भी ऐसा ही आदेश पारित हुआ. इसके बाद से ही क्रिप्टोकरंसी की कीमत में गिरावट दर्ज हुई है. भारत में रिजर्व बैंक ने ऐसी किसी भी मुद्रा में निवेश न करने की हिदायत दी है