SBI की गोल्ड डिपॉजिट स्कीम है बेहद खास, जान लें इससे जुड़ी हर अहम बात
- In बिजनेस 15 Aug 2018 4:26 PM IST
सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख बैंक एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) रीवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम (आर-जीडीएस) की पेशकश करता है जो कि गोल्ड में एक फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम है। फिक्स्ड डिपॉजिट एक वित्तीय विकल्प होता है जिसकी पेशकश बैंकों की ओर से की जाती है, जिसमें सामान्य सेविंग अकाउंट की तुलना में ज्यादा ब्याज दिया जाता है।
एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट sbi.co.in. के मुताबिक, आर-जीडीएस के अंतर्गत, ग्राहक अपना सोना जमा करा सकते हैं, जिसपर बैंक की ओर से सुरक्षा के साथ-साथ ब्याज भी दिया जाता है। बैंक में जमा किया जाने वाले सोने को सिक्कों, पत्थरों और अन्य धातुओं में स्वीकार किया जाता है।
आर-जीडीएस के बारे में जानें जरूरी बातें:
कौन निवेश कर सकता है?
सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के अनुसार भारत का निवासी, स्वामित्व और साझेदारी वाली फर्म, एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार), सेबी के अंतर्गत रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड/एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और कंपनियां इसमें निवेश कर सकती हैं।
कितना सोना जमा करवा सकते हैं?
इस योजना के तहत एक व्यक्ति कम से कम 30 ग्राम (सकल) सोना तक जमा करवा सकता है। हालांकि, अधिकतम जमा की कोई सीमा नहीं है।
जमा के प्रकार:
एसबीआई के आर-जीडीएस के तहत सोना तीन तरह से जमा किया जा सकता है।
शॉर्ट टर्म बैंक जमा (एसटीबीडी): इसमें न्यूनतम अवधि कम से कम 1 और अधिकतम 3 साल तक की होती है।
मध्यम अवधि सरकारी जमा (एमटीजीडी): एमटीजीडी के लिए जमा स्कीम 5-7 साल के बीच है। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से बैंक द्वारा जमा स्वीकार किया जाएगा।
दीर्घकालिक सरकारी जमा (एलटीजीडी): एलटीजीडी के लिए समय 12-15 साल के बीच है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से बैंक द्वारा जमा स्वीकार किया जाएगा।
ब्याज दर और भुगतान:
एसटीबीडी: एसटीबीडी के तहत ब्याज दरें 0.50 फीसद प्रति साल 1 साल के लिए, 2 साल तक 0.55 फीसद और 3 साल के लिए 0.60 फीसद हैं।
एमटीजीडी: एमटीजीडी के तहत 5-7 साल के लिए ब्याज दरें 2.25 फीसद प्रति साल निर्धारित हैं।
एलटीजीडी: एलटीजीडी के तहत 12-15 साल के लिए ब्याज दरें 2.50 फीसद प्रति साल निर्धारित हैं।
एमटीजीडी और एलटीजीडी के मामले में मूलधन को सोने में अंकित किया जाता है। हालांकि, ब्याज का भुगतान 31 मार्च को सालाना आधार पर रुपयों में किया जाता है।
पुनर्भुगतान और समयपूर्व भुगतान: एसटीबीडी के अंतर्गत, मूलधन के भुगतान को प्राप्त करने का विकल्प मिलता है, जो कि मैच्योरिटी पर या तो गोल्ड में मिलता है या फिर रुपये में।
एमटीजीडी और एलटीजीडी के तहत, सोना में जमा पर छूट या तो गोल्ड में होगी या फिर रुपये में जो कि सोने के मूल्य के बराबर होगी। हालांकि, सोने में रिडेम्प्शन के मामले में 0.20 फीसद का प्रशासनिक शुल्क लगाया जाएगा।
समयपूर्व भुगतान: एसटीबीडी के तहत, मैच्योरिटी से पहले पेमेंट प्राप्त करने की अनुमति होती है लेकिन 1 साल का लॉक इन पीरियड बीत जाने के बाद, जो कि लागू ब्याज दर पर जुर्माने के साथ मिलती है।
हालांकि मध्यम अवधि सरकारी जमा (एमटीजीडी) के 3 साल पूरे होने के बाद और दीर्घकालिक सरकारी जमा (एलटीजीडी) को 5 साल पूरा होने के बाद किसी भी समय निकासी की अनुमति होती है। हालांकि मैच्योरिटी पूर्व निकासी के लिए आरबीआई के नोटिफिकेशन के हिसाब से जुर्माना देना होता है।