संयुक्त राष्ट्र संघ के नाम की आड़ में आतंकी गतिविधियां दी जा रहीं थीं अंजाम
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इजरायल और हमास के बीच चल रहे जंग के बीच अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका ने फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNWRA) को दी जाने वाली लगभग 3,00,000 अमेरिकी डॉलर की फंडिंग अस्थायी रूप से रोक दी है। अमेरिका का कहना है कि इस कदम से UNWRA के कामकाज की जांच में मदद मिलेगी।
बीते, 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल के ऊपर हुए हमले और बर्बरता के मामले में जो जांच चल रही थी, उसमें बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए हमले में UN के कर्मचारियों की हमास के साथ संलिप्तता का मामला सामने आया है।
UNWRA का 1948 में गठन किया गया था। इजरायल पर हुए हमले की जांच में 12 यूएन कर्मचारियों के कनेक्शन का खुलासा हुआ। इन कर्मचारियों पर हमास के लिए हथियार और गोला-बारूद की तस्करी करने का आरोप है। इसके अलावा इन कर्मचारियों पर हमास के आतंकवादी अभियानों में मदद करने का भी आरोप है।
अमेरिका का कहना है कि UNWRA की फंडिंग रोकने से इस एजेंसी के कामकाज की जांच में मदद मिलेगी। अमेरिका का कहना है कि वह इस बात को सुनिश्चित करना चाहता है कि UNWRA का धन आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
UNWRA की फंडिंग रोकने वाला अमेरिका इकलौता देश नहीं है। इससे पहले भी 6 देशों ने यूएन एजेंसी की फंडिंग रोकी है। अबतक अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, स्वीटजरलैंड, फिनलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और इटली ने UNRWA को फंड नहीं देने का ऐलान किया है।
UNWRA के फंडिंग रोके जाने से फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संकट पैदा हो सकता है। UNWRA फिलिस्तीन में रहने वाले लाखों शरणार्थियों को भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है।
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